चौरासी विधानसभा उपचुनाव के लिए तैयारियां हुई तेज, 251 पोलिंग बूथ के लिए टीमों का हुआ चयन
चौरासी विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों के तहत 251 पोलिंग बूथों के लिए मतदान दल और माइक्रो ऑब्जर्वर्स का द्वितीय रेंडमाइजेशन प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हुई। यह प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग के सॉफ्टवेयर के माध्यम से पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए की गई।
चौरासी विधानसभा उपचुनाव के लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं, और इसी कड़ी में 251 पोलिंग बूथों पर मतदान कराने के लिए नियुक्त मतदान दल कार्मिकों और माइक्रो ऑब्जर्वर्स का द्वितीय रेंडमाइजेशन शनिवार को संपन्न हुआ। यह रेंडमाइजेशन प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग के विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से की गई। इस मौके पर चुनाव से जुड़े महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न करवाने में अहम भूमिका निभाई।
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रेंडमाइजेशन में ये अधिकारी भी रहे मौजूद
रेंडमाइजेशन की इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में सामान्य प्रेक्षक श्रेया पी. सिंह, व्यय प्रेक्षक स्वप्निल शरद बावकर और जिला निर्वाचन अधिकारी अंकित कुमार सिंह विशेष तौर पर उपस्थित रहे। इनके साथ ही उप जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश चंद्र धाकड़, चौरासी विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर कपिल कोठारी, जिला परिषद के सीईओ हनुमान सिंह राठौड़, एनआईसी के डीआईओ विपिन खन्ना, और एडिशनल डायरेक्टर डीओआईटी सुनील डामोर भी इस प्रक्रिया में मौजूद थे।
मतदान की निष्पक्षता
यह रेंडमाइजेशन मतदान की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया, ताकि मतदान दल और माइक्रो ऑब्जर्वर का चयन पूर्णत: स्वचालित और पारदर्शी तरीके से हो सके। मतदान दलों को पोलिंग बूथ पर तैनात किया जाएगा, ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके। वहीं माइक्रो ऑब्जर्वर चुनाव के दौरान मतदान प्रक्रिया की निगरानी करेंगे और चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे।
चौरासी विधानसभा उपचुनाव में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए जिला प्रशासन की यह एक अहम पहल है, जिससे मतदान की प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना न हो। निर्वाचन आयोग की सख्त निगरानी और आधुनिक तकनीक का उपयोग चुनावी तैयारियों में साफ दिखाई दे रहा है।