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Rajasthan News: चुनावी माहौल में तौकीर रजा खान 'जहरीला' बयान, बदलेगी फिजा? क्या है इसके मायनें, जानें यहां

राजस्थान उपचुनावों के बीच विवादित इस्लामिक धर्मगुरु तौकीर रजा खान ने फिर एक बार विवादित बयान दिया है। उन्होंने मुसलमानों से एकजुट होने का आह्वान करते हुए दिल्ली के घेराव की अपील की है। क्या तौकीर रजा के इस बयान से चुनावों की दिशा बदल सकती है?

Rajasthan News: चुनावी माहौल में तौकीर रजा खान 'जहरीला' बयान, बदलेगी फिजा? क्या है इसके मायनें, जानें यहां

राजस्थान में उपचुनाव की बीच सियासी बयार दिन पर दिन बदलती जा रही है। नेता मर्यादा भूलकर बयानीबाजी करने में लगे हुए हैं। पहले तो ये बात नेताओं तक था लेकिन अब इस जंग में अक्सर भड़काऊ बयान देने वाले इस्लामिक धर्मगूरू तौकीर रजा खान भी कूद पड़े हैं। उन्होंने एक बार फिर विवादित बयान देते हुए मुसलमानों से एकजुट होने का आह्वन किया और दिल्ली के घेराव करने की अपील की। कहा, अगर आप इस देश में अपनी बात मनवाना चाहते हैं तो राष्ट्रीय राजधानी की घेराव करना ही होगा। ये बयान ऐसे वक्त आया है जब प्रदेश उपचुनाव की दहलीज पर खड़ा है। क्या इस बयान से चुनाव को नई दिशा देने की कोशिश की जा रही है या फिर मकसद कुछ और है। 

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मोदी सरकार को दिया चैलेंज 

यूपी के धर्मगुरू तौकीर रजा जयपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने कौम को संबोधित करते हुए कहा,किसी के बाप की औकात नहीं है, वह हमारी चीजों पर कब्जा कर सके। इस वक्त संख्या छुपाने नहीं दिखाने का है। जिस दिन हम सब मिलकर एक साथ सड़क पर आ गए तो इनकी रूह कांप जाएगी। हमारे नौजवानों के पास वो जिगरा है जो शायद किसी और के पास नहीं। अगर इन्हें छूट दे दी जाये तो किसी की हिम्मत नही हैं तो उन्हें रोक लें। बहरहाल, ये कोई पहली बार नहीं है जब देश और सरकार के लिए तौकीर रजा ने इस तरह का जहर उगला हो। इस तरह की हरकतें वह पहले भी कर चुके हैं।

नफरती बीच बोने में लगे तौकीर रजा

गौरतलब है, आये दिन तौकीर रजा के हिसंक बयान सामने आते हैं तो इस बात का सीधा प्रमाण देते हैं कि उनका मकसद देश में नफरती बीज बोना है। 2022 में उनके उनके बयान पर खूब हंगामा मचा था, जब उन्होंने हिंदुओं को चेतावनी देते हुए कहा था कि मुझे डर है जिस दिन मुस्लिम युवाओं ने कानून अपने हाथों में लेना शुरू कर दिया शायद उस दिन देश में आपके लिए छिपने की जगह भी नहीं होगी। तौकीर रजा केवल हिंदुओं को नहीं बल्कि पीएम मोदी पर भी बयान दे चुके हैं। उन्होंने मोदी सरकार पर एक तरफा एक्शन लेने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को धृतराष्ट्र बताया था और कहा था अगर ऐसा चलता रहा तो देश को महाभारत देखने के लिए तैयार रहना होग। 

चुनाव पर असर डालेगा तौकीर रजा का बयान?

फिलहाल इससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि तौकीर रजा अक्सर ऐसे बयान देते हैं जो अमन-चैन बिगाड़ने की कोशिश करे। उनका ये बयान ऐसे वक्त पर आया है जब 13 नवंबर को सात सीटों पर हो रहे उपचुनाव में मतदान होना है। उनके बयान हमेशा से बीजेपी के खिलाफ रहे हैं तो क्या वह ऐसे बयानों से ध्यान भटकाकर कांग्रेस की मदद करना चाहते हैं। अगर सात सीटों के आंकड़ों पर नजर डालें तो कांग्रेस वोट बैंक समीकरण के साथ आश्वस्त नजर आ रही है। झुंझुनूं सीट पर एससी वोटर्स के बाद सबसी बड़ी भूमिका मुस्लिम मतदाता निभाते हैं। यहां पर मुसलमान वोटर्स की संख्या 45 हजार के करीब है। जबकि दौसा की बात करें तो यहां बीते कई सालों में बीजेपी के वोट बैंक में कमी आई है। यहां एससी वोटर्स सबसे अधिक है। इस सीट पर मुस्लिम मतदाता 10 हजार के करीब है। चौरासी सीट को छोड़कर ज्यादातर सीटों का यही हाल है। ऐसे में तौकीर रजा बयान बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ा सकता है या नहीं ये तो मुस्लिम मतदाओं तय करेंगे। बता दें, सीत सीटों पर हो रहे उपचुनाव की वोटिंग 13 नवंबर को रिजल्ट 23 नवंबर को आयेंगे।