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राजस्थान में दो महीने और लोगों को झेलनी होगी बिजली की मार! ऊर्जा मंत्री ने विधानसभा में बताई बिजली कटौती की सच्चाई

Electricity Crisis in Rajasthan: राजस्थान के लोगों को अभी दो महीने ओर बिजली संकट की मार झेलनी पड़ेगी. ये कहना राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का.

राजस्थान में दो महीने और लोगों को झेलनी होगी बिजली की मार! ऊर्जा मंत्री ने विधानसभा में बताई बिजली कटौती की सच्चाई
फाइल फोटो

राजस्थान बजट सत्र के दौरान ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि राजस्थान के लोगों अभी बिजली संकट का मार दो महीने ओर झेलनी पड़ेगी. जिस की वजह की बात करते हुए मंत्री ने कहा कि पिछली कांग्रेस  सरकार के समय बिजली के उत्पादन, प्रसारण और वितरण तीनों ही क्षेत्रों में कोई भी काम नहीं किया गया. आवंटित कोल ब्लॉक से कोयले का खनन (Coal Mining) शुरू नहीं करवा पाने के कारण महंगा कोयला अन्य जगह से खरीदा गया. जो कोयला का दाम 4000 रुपये प्रति टन है, उसे आयातित कोयला (Imported Coal) के रूप में 18 हजार प्रति टन की दर से पिछली सरकार ने खरीदा, जिससे लोगों के ऊपर फ्यूल सरचार्ज (Fuel Surcharge) का अतरिक्त बोझ पड़ रहा है.

सितंबर तक जारी रहेगी बिजली कटौती

मंत्री ने बताया कि गहलोत सरकार की समय राज्य के थर्मल बिजलीघर अपने क्षमता से 50 फीसदी बिजली उत्पन कर रहे थे. बीजेपी की सरकार बनते ही पीएलएफ बढ़ाया है. जनरेशन स्टेशन को समस्याओं को दूर किया गया है. समय से कोयला अपूर्ति पूरी करने के लिए क्षमता को बढ़ाया है.  मंत्री ने आगे बताया कि 2023 में रबी सीजन की मांग को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार ने अन्य राज्यों से बैंकिंग के जरिए बिजली उधार ली थी. यही वजह है कि वर्तमान भाजपा सरकार को इस विषम परिस्थिति में भी इस कर्ज को स्वयं के राज्य की बिजली काटकर लौटाना पड़ रहा है. पिछली सरकार ने 35 हजार 234 लाख यूनिट उधार ली, जो अब लौटानी पड़ रही है. जुलाई तक लगभग 24 हजार लाख यूनिट लौटाई जा चुकी है और आगामी दो माह में लगभग 11 हजार लाख यूनिट बिजली और लौटाई जानी है.