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Rajasthan by-elections: 23 नवंबर के नतीजे बदल देंगे राजनीति की तस्वीर! जानें क्यों BJP-कांग्रेस की साख दाव पर?

राजस्थान के उपचुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आने वाले हैं। जानिए बीजेपी, कांग्रेस, आरएलपी और बीएपी की रणनीति और इन चुनावों का राजनीतिक भविष्य पर क्या असर पड़ेगा। डोटासरा, पायलट और बेनीवाल पर सबकी नजरें। 

Rajasthan by-elections: 23 नवंबर के नतीजे बदल देंगे राजनीति की तस्वीर! जानें क्यों BJP-कांग्रेस की साख दाव पर?

राजस्थान में सात सीटों पर हुए उपचुनाव में क्या कुछ हुआ वो हर किसी ने देखा। अब सभी को इंतजार है 23 नवंबर का। जब इस सीटों पर जीतने वाली पार्टी अपने आगामी भविष्य की रणनीति तय करेगा। इस बार का चुनाव कद,पद से लेकर साख बचाने की चुनौती पर टिका है। सत्तारूण भजनलाल सरकार दिसबंर महीने में कार्यकाल का एक साल पूरा करेगा। इससे पहले ये रिजल्ट सरकारके काम का रिपोर्ट कार्ड भी होंगे। साथ ये इलेक्शन खुद सीएम भजनलाल शर्मा का सियासी कद तय करेगी, क्योंकि उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को तगड़ा नुकसान हुआ था। अगर आप इस बार नतीजे उनके पक्ष में रहते हैं तो मुमकिन हैं आने वाले सालों में पार्टी में उनका सियासी कद बढ़ेगा। 

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गोविंद सिंह डोटासरा पर निगाहें

ये चुनाव बीजेपी नहीं बल्कि कांग्रेस के लिए भी परीक्षा से कम नहीं है। लोकसभा चुनाव में डोटासरा और पायलट की जोड़ी ने अच्छा प्रदर्शन किया था। अब उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों में है। अगर चुनाव कांग्रेस के पक्ष में होते हैं तो डोटासरा के लिए अच्छी खबर होगी हालांकि कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करने में नकाम रहती हैं तो आलाकमान राजस्थान कांग्रेस में बड़ा-फेरबदल भी कर सकते हैं। 

अस्तिव की लड़ाई में हनुमान बेनीवाल

कांग्रेस-बीजेपी से हटकर राष्ट्रीय लोकदल पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल राजस्थान में अपना अलग जनाधार रखते हैं। वह 2008 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। एक समय था जब उनके पास विधायकों की संख्या 3 के करीब पहुंच गई थी। वहीं, कई राजनीतिक एक्सपर्ट्स आरएलपी को तीसरा फ्रंट मानने लगे थे लेकिन अब लड़ाई अस्तित्व बचाने की है। अगर कनिका बेनीवाल चुनाव जीतती हैं तो विधानसभा चुनाव में आरएलपी की मौजूदगी रहेगी।  

राजकुमार रोत कर सकते हैं खेला

किसी न सोचा भी नहीं था 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले सितंबर महीने में गठित हुई भारतीय आदिवासी पार्टी चुनावों में शानदार प्रदर्शन कर करेगी। इस वक्त बीएपी के पास 3 विधायक और एक सांसद है। ऐसे में अगर सलूंबर और चौरासी सीट पर बीएपी जीत दर्ज करती है तो वह 5 विधायकों और 1 सांसद वाली राजस्थान की तीसरी सबसे पार्टी होगी। राजकुमार रोत लगातार पार्टी का विस्तार कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार जल्द ही जयपुर में बीएपी का कार्यालय भी खुलने वाला है।