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Rajasthan By-elections: टिकट न मिलने पर फूट-फूटकर BJP नेता, बोले- '20 सालों से कर रहा हूं इंतजार'

Salumber By-election: राजस्थान के सलूंबर सीट पर उपचुनाव में बीजेपी ने दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी को टिकट दिया, जिससे पार्टी नेता नरेंद्र मीणा भावुक हो गए। क्या बीजेपी का ये कदम सलूंबर सीट पर मुश्किलें खड़ी कर देगा?

Rajasthan By-elections: टिकट न मिलने पर फूट-फूटकर  BJP नेता, बोले- '20 सालों से कर रहा हूं इंतजार'

राजस्थान में सीत सीटों पर उपचुनाव के बीच प्रत्याशियों का ऐलान भी होने लगा है। बीते दिनों दो सीटों पर भारतीय आदिवासी पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा की थी, तो देर रात बीजेपी ने छह सीटों से उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। जहां सबसे ज्यादा चर्चा सलूंबर सीट की है। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी को टिकट दिया है। हालांकि इस फैसले से पार्टी नेता खुश नजर नहीं आ रहे हैं। दरअसल, बीजेपी नेता नरेंद्र मीणा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जहां टिकट न मिलने पर वह फफक कर रो पड़े। सबसे पहले आप ये वीडियो देखिए-

'20 सालों से संघर्ष कर रहा हूं'

जानकारी के अनुसार अमृतलाल मीणा के निधन के बाद नरेंद्र मीणा टिकट की मांग कर रहे थे हालांकि जब टिकट का ऐलान हुआ तो उनकी आस टूट गई और वह रो पड़े। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं बीस सालों से जनता की सेवा करने के लिए संघर्ष कर रहा हूं लेकिन आज तक मेरी नहीं सुनी गई। वहीं, नरेंद्र के पक्ष में कार्यकर्ता भी खड़े नजर आएं। उन्होंने किस तरह बीजेपी नेता को ढांढस बनाया। बता दें, पिछले 15 सालों से पार्टी के लिए नरेंद्र मीणा बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने दावेदारी की थी लेकिन टिकट नहीं मिली। उस वक्त ये विरोध अंदरूनी था,हालांकि इस बार उपचुनाव में उन्हें उम्मीद थी कि टिकट उन्हें दी दिया जाएगा लेकिन पार्टी ने साहनूभूति कार्ड खेलते हुए अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता मीणा को टिकट दे दिया। जिसके विरोध में बीजेपी ने कर्याकर्ता सम्मेलन बुलाया था। 

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 15 सालों से सलूंबर सीट पर बीजेपी का कब्जा

वैसे तो राजस्थान की सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं लेकिन संलूबर सीट थोड़ी से खास है। यहां पर पिछले 15 सालों से बीजेपी का कब्जा है। मेवाड़ के अंतर्गत आने वाली इस सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। पहले ये फाइट कांग्रेस-बीजेपी के बीच थी लेकिन अब पिछले साल गठित हुई राजकुमार रोत की पार्टी भारतीय आदिवासी दल भी मैदान में है। ऐसे में यहां बीजेपी को तगड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।