Rajasthan By-Election: साइलेंट वोटर्स ने बिगाड़ा बीजेपी का खेल ! कम वोटिंग से किरोड़ीलाल मीणा की बढ़ी टेंशन
राजस्थान में सात सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 अक्टूबर को आएंगे। किरोड़ीलाल मीणा, सचिन पायलट, अमित ओला और हनुमान बेनीवाल जैसे दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस बार दौसा में सबसे कम वोटिंग हुई जिससे किरोड़ी लाल मीणा की टेंशन बढ़ सकती है।
राजस्थान में उपचुनाव को लेकर सात सीटों पर मतदान हो चुका है। 69 उम्मीदवारों की किस्मत का ताला 23 अक्टूबर को खुलेगा। इस बार मुस्लिम बहुल सीट रामगढ़ में सबसे ज्यादा तो दौसा में सबसे कम वोटिंग हुई है। इस चुनावों में किरोड़ीलाल मीणा, सचिन पायलट, अमित ओला और हनुमान बेनीवाल जैसे दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। सभी सीटों को मिलाकर कुल 64.82 फीसदी मतदान हुआ है। पिछले विधानसभा चुनावों से तुलना की जाये तो किसी सीट में ज्यादा तोकिसी में कम वोटिंग हुई है।
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विधानसभा चुनाव के मुकाबले उपचुनाव में वोटिंग
2023 के विधानसभा चुनावों में सबसे पहले रामगढ़ की यहां पर बीते चुनावों में 77 फीसदी तो उपचुनाव में 71 फीसदी के पास मतदान हुआ है। खींवसर उपचुनाव में 71 फीसदी तो पिछले बार विधानसभा चुनावों में 73.89 प्रतिशत वोट पड़े थे। इसी तरह चौरासी में 68.55 प्रतिशत वोटिंग हुई तो पिछले चुनावों में ये आंकड़ा 81 फीसदी था। चौरासी सीट का हाल भी कुछ है जहां पिछली बार 71 फीसदी के आसपास वोट पड़े थे जबकि इस बार ये आंकड़ 65 प्रतिशत पर जाकर रूक गया। झुंझुनू सीट पर विधानसभा चुनावों में 71 प्रतिशत तो उपचुनाव में 61.8 प्रतिशथ रहा। देवली उनियारा सीट में 60 फीसदी मतदान हुआ है जो पिछले बार के मुकाबले बेहद कम है। सबसे क वोटो उपचुनावों में इस बार हॉट सीट दौसा में पड़े हैं। यहां पर बीते चुनावों में 74 फीसदी के पास मतदान हुआ था लेकिन उपचुनावों में ये 55 फीसदी तक पहुंच गया।
कम वोटिंग से उपचुनाव में किस मिलेगा फायदा
सात सीटों की राजनीति को पास से समझने वाले राजनीतिक पंडित मानते हैं कि इन सीटों पर भाजपा के मुकाबलs कांग्रेस का पड़ला भारी है। 4 सीटों पर बीजेपी कांग्रेस की सीधी लड़ाई है जबकि दो सीटों पर राजकुमार रोत की पार्टी खेल बिगाड़ सकती है। हालांकि एक्सपर्ट्स ने सबसे ज्यादा चिंता दौसा सीट को लेकर जताई है क्योंकि यहीं पर सबसे कम मतदान हुआ है जो किरोड़ी लाल मीणा की टेंशन बढ़ा सकता है।
भाजपा के लिए अहम दौसा
उपचुनाव में दौसा इस बार की हॉट सीट है। यहां पर भाजपा ने किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया था जबकि कांग्रेस ने सचिन पायलट के खेमे के डीसी बैरवा को। किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा में चुनाव प्रचार में कोई कमी नहीं रखी थी। ऐसे में उम्मीद थी कि इस सीट पर भाजपा जीत का परचम लहरा सकती है लेकिन वोटिंग कम होने से अब बीजेपी संघर्ष की स्थिति में आ गई है एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इस चुनाव में साइलेंट वाटर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। बरहाल देखना दिलचस्प होगा कि इस बार दौसा सीट पर कौन विजयी होता है।