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कारगिल युद्ध में शहीद हुआ राजस्थान का लाल, पाकिस्तानियों के मंसूबे किये नाकाम, जानिए शहीद भगवान सिंह की शौर्य गाथा

Kargil War Martyred  Bhagwan Singh: कारगिल युद्ध में कई भारतीय जवानों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। इन शहीदों में 19 जवान केवल राजस्थान के झुंझुनू जिले से थे। देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति देने के मामले में राजस्थान का स्थान हमेशा से रहता आया है।

कारगिल युद्ध में शहीद हुआ राजस्थान का लाल,  पाकिस्तानियों के मंसूबे किये नाकाम, जानिए शहीद भगवान सिंह की शौर्य गाथा

Kargil War Martyred  Bhagwan Singh: आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है। कारगिल युद्ध में प्राणों को न्योछावर करने वाले शूरवीर लाडलों की गाथाएं हर दिन सभी को प्रेरणा देती है। दो महीने तक चलने वाले इस युद्ध में 527 वीर शहीद हुए थे। इन शहीदों में 19 जवान केवल राजस्थान के झुंझुनू जिले से थे। देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति देने के मामले में झुंझुनू का विशेष स्थान हमेशा से रहता आया है। शेखावाटी की पावन धन्य धरा ने ऐसे रणबांकुरों को जन्म दिया, जिन्होंने प्राणों की आहूति देकर मां भारती की आन-बान और शान की रक्षा की है।कारगिल युद्ध में अपनी शहादत देने वाले शहीद भगवान सिंह का का भी नाम शौर्य गाधा में शामिल है।

कारगिल युद्ध से दो साल पहले हुए थे सेना में शामिल

राजस्थान के खेतड़ी क्षेत्र के पपूरना की बंधा की ढाणी के जवान भगवान सिंह ने भी कारगिल में अपनी जान की बाजी लगा दी। कारगिल युद्ध लड़ने के दौरान 28 जून, 1999 को भगवान सिंह शहीद हो गए थे। उनका जन्म 3 मई, 1970 को हुआ था। वे 17 दिसंबर, 1987 को सेना में भर्ती हुए तथा 28 जून, 1999 को कारगिल युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए। शहीद के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो लड़के और एक लड़की है। बड़ा बेटा कमलदीप बिजनेसमैन है। छोटा बेटा दौसा कलेक्ट्रेट में जूनियर अकाउंटेंट के पद पर कार्य कर रहा है। बेटी सुप्रिया अध्यापिका के पद पर कार्यरत है। वीरांगना विजेश देवी ग्रहणी हैं।

शहीद के परिजनों से भारत रफ्तार की खास बातचीत

शहीद भगवान सिंह के परिजनों से भारत रफ्तार ने खास बातचीत की। इस दौरान शहीद की पत्नी ने बताया कि उनके पति छह भाई है और 5 बहनें हैं। शहीद की पत्नी ने बताया कि उन्हें अपने पति पर बहुत ही गर्व महसूस होता है। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं है लेकिन पूरा देश उन्हें याद करता है। वीरांगना ने बताया कि उनके पति शहीद भगवान सिंह को खेलों का बहुत शौख था। वह अपने सभी भाई बहनों को काफी लाड प्यार से रखते है।

कारगिल दिवस पर शहीदो को नमन

 भारतीय सेना ने दुनिया के सामने अपने शौर्य और पराक्रम के कई प्रतीक स्थापित किए है। 1999 में जब पाकिस्तान की सेना चोरों की तरह भारत के कारगिल में घुस आई थी और दुर्गम चोटियों से हमले कर रही थी। तो डरने और भागने के बजाय इंडियन आर्मी ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। इस जंग में कई वीरों ने शहादत ली, लेकिन भारत मां पर कोई आंच नहीं आने दी। 26 जुलाई 1999 को भारत और पाकिस्तान के बीच मई से लेकर जुलाई तक चलने वाले युद्ध में भारत की जीत हुई और भारतीय सेना का ऑपरेशन विजय भी सफल रहा है। इसलिए इस दिन को विजय दिवस भी कहा जाता है। इस युद्ध में कई वीर सपूतों ने अपने प्राण हंसते-हंसते भारत की शान में न्यौछावर कर दिए। आज का दिन देश के वीर सपूतों को याद करते हुए उनकी कुर्बानी को सम्मान देने का है। ‘कारगिल विजय दिवस’ के मौके पर भारत रफ्तार सभी शहीदों को नमन करता है।

रिपोर्ट- अभिषेक जोशी