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Sawai Madhopur News: प्रदेश में अवैध बजरी खनन सरकार और प्रशासन के लिए बना सिरदर्द, अधिकारियों की मिलीभगत से....

जिले में बनास नदी में बजरी खनन के लिए फिलहाल कोई सरकारी वैध पट्टा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद जिले के कई इलाकों में बनास नदी में बजरी का अवैध दोहन जारी है।

Sawai Madhopur News: प्रदेश में अवैध बजरी खनन सरकार और प्रशासन के लिए बना सिरदर्द, अधिकारियों की मिलीभगत से....

प्रदेश में अवैध बजरी खनन सरकार और प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है। आए दिन कहीं न कहीं अवैध बजरी खनन माफियाओं की गुंडागर्दी सामने आती रहती है। वर्तमान में राज्य के सवाई माधोपुर जिले में बजरी खनन के लिए कोई वैध पट्टा नहीं है। इसके बावजूद जिले में स्थित बनास व अन्य नदियों में अवैध बजरी खनन जारी है।

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सवाई माधोपुर जिले से होकर बहने वाली बनास नदी अवैध बजरी खनन माफियाओं के लिए किसी सोने की खान से कम नहीं है। जिसके चलते हालांकि जिले में बनास नदी में बजरी खनन के लिए फिलहाल कोई सरकारी वैध पट्टा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद जिले के कई इलाकों में बनास नदी में बजरी का अवैध दोहन जारी है। खनन माफिया बारिश से पहले जगह-जगह किए गए बजरी के अवैध स्टॉक के जरिए अवैध बजरी के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।

खनन माफियाओं में नहीं है सरकार और प्रशासन का खौफ

दूसरी ओर सवाई माधोपुर जिले के बनास में हालांकि कोई सरकारी पट्टा नहीं है, लेकिन टोंक जिले में स्थित बनास नदी में बजरी का पट्टाधारक टोंक जिले से दूर सवाई माधोपुर जिले की सीमा में बनास में अवैध खनन कर रहा है। जो पूरी तरह नियमों के विरुद्ध है। खनन विभाग के अधिकारियों के अनुसार टोंक जिले की लीजधारक चांडक एसोसिएट ने सवाई माधोपुर जिले की सीमा में ईशरदा-सुरेली-सोलापुर बनास नदी के पास बजरी का स्टॉक कर रखा है। जिसकी अनुमति विभाग की ओर से दे दी गई है।

बजरी लीज धारकों की खनन विभाग से मिलीभगत

टोंक जिले के बजरी लीज धारक खनन विभाग से मिलीभगत कर बजरी स्टॉक की आड़ में सवाई माधोपुर जिले की सीमा में स्थित बनास नदी से अवैध रूप से बजरी का खनन कर रहे हैं। यही लीज धारक रोजाना करीब 500 से 600 वाहनों में बजरी का परिवहन कर रहे हैं। यही लीज धारक बजरी वाहनों को रावण के नाम से महज टीपी दस्तावेज देकर अवैध बजरी खनन व परिवहन को वैध बता रहे हैं। लीज धारक के पास न तो पंचायत की एनओसी है और न ही किसी अन्य विभाग की एनओसी। इसके बावजूद लीज धारक खनन विभाग व पुलिस विभाग की मिलीभगत व राजनीतिक संरक्षण के चलते जिले की सीमा में बजरी स्टॉक की आड़ में बनास में अवैध रूप से बजरी का खनन कर रहा है।

अधिकारियों की मदद से हो रहा है खनन

टोंक जिले के लीज धारक के कारण सवाई माधोपुर जिले की सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और पुलिस, प्रशासन व खनिज विभाग मिलीभगत के चलते आंखें मूंदे हुए हैं। जिले में चल रहे अवैध खनन को लेकर खनन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सवाई माधोपुर जिले में कोई लीज नहीं है और जिन लोगों के पास पूर्व में लीज थी, उनके पास बजरी के स्टॉक जरूर होंगे, जिनके जरिए बजरी का परिवहन हो रहा होगा।

पुलिस विभाग का दावा बजरी खनन पर 100% रोक

पुलिस कप्तान भले ही दावा करें कि जिले में शत-प्रतिशत अवैध बजरी खनन बंद हो चुका है, लेकिन सच्चाई यह है कि वैध सरकारी पट्टा न होने के बावजूद जिला पुलिस और खनन विभाग की मिलीभगत के चलते जिले में बनास नदी में बजरी का अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। कभी जब्त स्टॉक की आड़ में तो कभी टोंक जिले के बजरी लीजधारक की आड़ में बजरी माफिया बनास में राज कर रहे हैं। टोंक जिले के बजरी लीजधारक चांडक एसोसिएट सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए टोंक जिले की सीमा से आगे सवाई माधोपुर जिले की सीमा में बजरी का खनन कर रहे हैं।

रिपोर्ट - बजरंग सिंह