काम की खबर: IRDAI के नए नियम से बढ़ी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों की वैल्यू ! आपके लिए क्या है फायदा?
एक अक्टूबर से कई नियमों में बदलाव हुआ है। जहां अब लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी सरेंडर करने पर ज्यादा रिफंड मिलेगाा। IRDAI के नए नियम से जानें कैसे आपकी पॉलिसी का वैल्यू बढ़ेगा और कौन करेगा इसका फायदा।
अक्टूबर महीने की पहली तारीख से देश में कई बड़े बदलाव हुए हैं। पैन-आधार और बैंक से जुड़े कई नियम अब बदल गए हैं। वहीं, इन्हीं में से एक नियम लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ा है। जहां अब पॉलिसी लेने वालों को पॉलिसी खत्म करने पर ज्यादा रिफंड मिलेगा। आईआरडीएआई (IRDAI) का ये नियम मंगलवार से जारी हो गया है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि पॉलिसी सरेंडर का मतलब क्या है और किसे इसका फायदा मिलेगा।
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आखिर क्या होती है पॉलिसी सरेंडर ?
इंश्योरेंस पॉलिसी सरेंडर करने का मतलब होता है कि पॉलिसीधारक तय अवधि पूरी होने से पहले ही अपनी पॉलिसी को बंद करना चाहता है और पॉलिसी से बाहर निकलने का इरादा रखता है। इस स्थिति में, पॉलिसीधारक को सरेंडर वैल्यू या अर्ली एग्जिट पेआउट नाम की राशि दी जाती है। ये गणना स्पेशल सरेंडर वैल्यू और गारंटीड सरेंडर वैल्यू के आधार पर होती है। इनमें से जो राशि ज्यादा होती है। उसी का पेमेंट किया जाता है।
पॉलिसी सरेंडर को सरल तरीके से समझें
मान लीजिए कि आपके पास 10 साल की अवधि वाली एक जीवन बीमा पॉलिसी है, जिसमें सम एश्योर्ड 1 लाख रुपये है और हर साल का प्रीमियम 10,000 रुपये है। इसके साथ आपको 50,000 रुपये का बोनस भी मिल रहा है। अब अगर आप 1 अक्टूबर से लागू नए नियमों के आधार पर इसकी गणना करें, तो पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू या बोनस की वर्तमान वैल्यू 7,823 रुपये होगी, जो कि कुल मिलाकर लगभग 78% बैठती है।
सरेंडर वैल्यू का पॉलिसी पर प्रभाव
IRDAI का मानना है ये नया नियम पॉलसीधारकों को लंबे समय के लिए प्रॉफिट प्रदान करेगा। जहां वैल्यू में बढ़ोत्तरी से बीमा कंपनियों की लागत बढ़ने का अनुमान है। वहीं लंबे वक्त पॉलिस रखने को पहले के मुकाबले कम रिर्टन मिला सकता है। जहां नॉन पीआर पॉलिसियों के रिर्टन में कमी आ सकती है।