बजरंग लाल ताखर ने जीते गोल्ड, बने अर्जुन अवॉर्ड और पदमश्री विजेता
बजरंग लाल ताखर को साल 2008 में भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार दिया गया। 2013 में भारत सरकार की ओर से भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
राजस्थान के सीकर से निकले बजरंग लाल ताखर ने सेना में जगह बनाई। वो राजपूताना राइफल्स का हिस्सा बने, इसी के साथ देश के लिए कई गोल्ड मेडल भी जीते। एथलीट को अर्जुन अवॉर्ड के साथ पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।
भारत के लिए जीता गोल्ड
इतिहास का गौरव समेटे राजस्थान राज्य कई खिलाड़ियों का घर है। इन्हीं एथलीट में एक नाम बजरंग लाल ताखर का भी है। राजस्थान के सीकर शहर में 5 जनवरी 1981 को बजरंग लाल ताखर का जन्म हुआ। बजरंग एक भारतीय नाविक हैं, जिन्होंने एशियाई खेलों में नौकायन में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा किया है।
वो साल 2010 था, जब राजस्थान के इस बेटे में भारत के लिए एक गोल्ड मेडल जीता था। ग्वांगझोउ एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले बजरंग लाल ताखर ने पूरे देश को गर्व का पल दिया था। ये मेडल, ग्वांगझू में आयोजित एशियाई खेलों में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत रोइंग स्वर्ण पदक जीता था।
पहले भी किया देश का नाम रोशन
लेकिन ये पहला मौका नहीं था, जब उन्होंने ऐसा कारनामा किया हो। इससे पहले बजरंग लाल ताखर ने 2006 में दोहा में आयोजित एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद उन्होंने उसी साल यानी कि 2006 में ही श्रीलंका में आयोजित दक्षिण एशियाई खेलों में भी दो गोल्ड मेडल जीते और देश का नाम रोशन किया था।
इसके बाद साल 2007 में बजरंग लाल ताखर एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। बजरंग लाल साल 2008 में ओलंपिक गेम्स के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे। वो फाइनल में पहुंचने में नाकाम रहे थे, उन्होंने 21वी रैंक हासिल की थी। फिर 2009 में भी इस टूर्नामेंट का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
अर्जुन अवॉर्ड के साथ पद्मश्री भी जीता
बजरंग लाल ताखर को उनकी प्रतिभा के सम्मान दिया गया। साल 2008 में उन्हें भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार दिया गया। वहीं 2013 में भारत सरकार की ओर से भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
2015 में सूबेदार ने ली रिटायरमेंट
गोल्ड मेडलिस्ट और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित बजरंग लाल ताखर भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट में नायब सूबेदार रहे। उन्होंने साल 2015 में सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी और उसके बाद से राज्य में खेलों में विकास में काम कर रहे हैं।