Gukesh Dommaraju: टूटा 97 साल का रिकॉर्ड, भारत ने Chess Olympiad में जीते 3 गोल्ड, 18 साल के चैंपियन की हो रही तारीफ!
Gukesh Dommaraju: ग्रैंडमास्टर और वर्ल्ड चैंपियनशिप चैलेंजर डी गुकेश ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में शानदार प्रदर्शन किया है। गुकेश चेन्नई के एक तेलगू परिवार से ताल्लुख रखते हैं। गुकेश के पिता पेशे से डॉक्टर हैं। गुकेश ने अपने स्कूली दिनों से ही शतरंज खेलना शुरू किया था।
Gukesh Dommaraju: चेस ओलंपियाड में भारत ने इतिहास रच दिया है। भारत की जोड़ी डी गुकेश और अर्जुन एरिगैसी ने ऐसा कारनामा किया है, जोकि पिछले 97 सालों में नहीं हुआ। भारत ने चेस ओलंपियाड के ओपन सेक्शन में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। आपको बता दें, इसके साथ ही वीमेंस सेक्शन में भी भारत ने गोल्ड मेडल जीता। जिसके चलते भारत ने कुल 3 गोल्ड मेडल जीता है। वैसे ऐसा पहली बार है, जब चेस ओलंपियाड के इतिहास में भारत ने दोनों सेक्शन में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया है। इस सब में डी गुकेश ने व्लादिमीर फेडोसीव को हराया, जिसको लेकर वो काफी सुर्खियों में हैं।
गुकेश ने कैसे चुना चेस!
ग्रैंडमास्टर और वर्ल्ड चैंपियनशिप चैलेंजर डी गुकेश ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में शानदार प्रदर्शन किया है। गुकेश चेन्नई के एक तेलगू परिवार से ताल्लुख रखते हैं। गुकेश के पिता पेशे से डॉक्टर हैं। गुकेश ने अपने स्कूली दिनों से ही शतरंज खेलना शुरू किया था। गुकेश के पहले कोच स्कूल में भास्कर थे, जिन्होंने उनके टैलेंट को पहचान कर उन्हें ट्रेनिंग दी। ट्रेनिंग के महज 6 महीने में ही गुकेश फीडे-रेटेड खिलाड़ी बन गए थे। इसके बाद गुकेश विश्वनाथ आनंद की अकादमी वेस्ट ब्रिज आनंद चेस एकेडमी में शामिल हो गए। फिर गुकेश ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देख
Grandmaster D Gukesh is playing the best chess of his life right now. When his team needed him the most, he delivered - Gukesh takes down World no.3 Fabiano Caruana with the White pieces!
— ChessBase India (@ChessbaseIndia) September 21, 2024
A world-class game by a World-class player, and a critical win for Team India - the score… pic.twitter.com/Y4XD2QWgGd
गुकेश साल 2015 में एशियन स्कूल शतरंज चैंपियनशिप में अंडर-9 वर्ग के चैंपियन बने थे। फिर कैंडिडेट मास्टर (सीएम) का खिताब अपने नाम किया और साल 2018 में एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप में 5 पदक जीतने का कारनामा रचा था। इसी साल गुकेश ने विश्व युवा चैंपियनशिप में अंडर-12 वर्ग का खिताब जीता। ये रिकॉर्ड उन्होंने महज 11 साल, 9 महीने और 9 दिन की उम्र में हासिल किया, जिसके बाद वो इंटरनेशनल मास्टर बन गए थे।
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गुकेश बने थे सबसे कम उम्र में ग्रैंडमास्टर
गुकेश सबसे कम उम्र के गैंडमास्टर बने हैं। जनवरी 2019 में गुकेश ने इतिहास रचते हुए इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर की उपाधि हासिल की थी। जिसके बाद वो शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए। उन्होंने ये कारनामा महज 12 साल, 7 महीने और 17 दिन की उम्र में रचा। इसके बाद साल 2023 में गुकेश ने आईएम एमिन ओहानियन, जीएम प्रणव वी और जीएम रौनक साधवानी को हराकर जूनियर स्पीड शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता।