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तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स का कहर, इस देश में 610 लोगों की हुई मौत, भारत में भी अलर्ट

मंकीपॉक्स संक्रमण का प्रकोप कांगो सहित कई देशों में बढ़ता जा रहा है। 18,000 से अधिक संदिग्ध मामले और 610 से अधिक मौतों के साथ, स्थिति गंभीर हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सभी लोगों को संक्रमण के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि यह वायरस तेजी से फैल रहा है और इसके स्वरूप में भी बदलाव आ रहे हैं।

तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स का कहर, इस देश में 610 लोगों की हुई मौत, भारत में भी अलर्ट

दुनिया भर में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) के संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं। यह एक वायरल जूनोटिक रोग है, जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के देशों में अधिक प्रचलित है। वर्तमान में, कांगो में मंकीपॉक्स का सबसे अधिक प्रकोप देखा जा रहा है, जहाँ इस बीमारी से संक्रमित और मृतकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।

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हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांगो के स्वास्थ्य मंत्री रोजर काम्बा ने जानकारी दी है कि देश में अब तक 18,000 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं, और कम से कम 610 लोगों की इससे जान जा चुकी है।

मंकीपॉक्स संक्रमण के कारण और प्रसार:

मंकीपॉक्स संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों के निकट संपर्क में आने से फैलता है। इसमें शरीर पर मौजूद दाने, यौन संपर्क, और शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, यह रोग ड्रॉपलेट्स के माध्यम से भी फैल सकता है, जैसे कि संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकलने वाले बूंदें।

WHO ने मंकीपॉक्स से सतर्क रहने की सलाह दी

मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सभी लोगों को संक्रमण के प्रति सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है। संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को संक्रमित व्यक्तियों से निकट संपर्क से बचने, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने, और विशेषकर संक्रमित क्षेत्रों की यात्रा करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

कांगा में नए स्ट्रेन के बढ़ते मामले

कांगो सहित कई देशों में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) के नए स्ट्रेन के तेजी से फैलने ने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस अपेक्षा से कहीं अधिक तेजी से फैल रहा है और इसके स्वरूप में भी बदलाव देखा जा रहा है। विशेष रूप से उन हिस्सों में वायरस में अधिक परिवर्तन देखे जा रहे हैं, जहां इसे ठीक से ट्रैक करने की सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं।

बता दें कि मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इसे दो साल में दूसरी बार ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। इसके कुछ दिनों बाद ही एमपॉक्स का एक नया स्ट्रेन क्लेड आईबी सामने आया था,  जिसके मामले बढ़ने का खतरा हो सकता है। इस पर नाइजीरिया स्थित डेल्टा यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ और डब्ल्यूएचओ की एमपॉक्स आपातकालीन समिति के अध्यक्ष डॉ. डिमी ओगोइना के अनुसार, अफ्रीका में बढ़ते मंकीपॉक्स के कारण हम काफी चिंतित हैं।

भारत में मंकीपॉक्स का अलर्ट

मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए 14 अगस्त को डब्ल्यूएचओ ने इसको ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। इसके बढ़ते खतरे के कारण भारत को भी अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। भारत सरकार ने मंकीपॉक्स के लिए तैयारियों को बढ़ाने और संभावित प्रकोप को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं। संक्रमण फैलने की की आशंका में इलाज के लिए कुछ अस्पतालों को चिन्हित किया गया है। भारत सरकार ने स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए मंकीपॉक्स के मामलों को पहचानने और इसका इलाज करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं।