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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एकता रैली पर भड़के, बोले धीरेंद्र शास्त्री मोहरा, 'कटोगे तो बटोगे' का बताया मतलब!

धीरेंद्र शास्त्री की सनातन यात्रा पर बोलते हुए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन यात्रा में वो नारा लगा रहे हैं, 'जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई', राजनीतिक शक्ति के एजेंट के रूप में धीरेंद्र शास्त्री काम कर रहे हैं। ये जो सनातनी कहकर आए हैं, राजनीति का एजेंडा जनता के बीच में ले जाने के लिए उतारे गए हैं। ये राजनीतिक खेल है और इसका सनातन धर्म से कोई लेना देना नहीं है।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एकता रैली पर भड़के, बोले धीरेंद्र शास्त्री मोहरा, 'कटोगे तो बटोगे' का बताया मतलब!

बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर हिंदू जागरुकता पदयात्रा निकाल रहे हैं। जहां पर उनका दिया नारा 'जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई' काफी सुर्खियों में है। अब इसी नारे को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री को मोहरा बनाया है।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जताई नाराजगी

धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों सनातन हिंदू एकता रैली निकाल रहे हैं। बागेश्वर बाबा द्वारा निकाली हिंदू एकता रैली पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जताई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जातियों में न जनता न बटे और एक मुश्त जनता हमको वोट देती रहे, यहां के नेताओं की यह भावना है और उस भावना को जनता के बीच ले जाने के लिए नेताओं ने धीरेंद्र शास्त्री को मोहरा बनाया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धीरेंद्र शास्त्री की सनातन यात्रा पर बोलते हुए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, सनातन यात्रा में वो नारा लगा रहे हैं, 'जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई', राजनीतिक शक्ति के एजेंट के रूप में धीरेंद्र शास्त्री काम कर रहे हैं। ये जो सनातनी कहकर आए हैं, राजनीति का एजेंडा जनता के बीच में ले जाने के लिए उतारे गए हैं। ये राजनीतिक खेल है और इसका सनातन धर्म से कोई लेना देना नहीं है।

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 'बटोगे तो कटोगे' पर क्या कहा

इसी के साथ ही शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 'बटोगे तो कटोगे' पर भी बात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि बटोगे मतलब जातियो में मत बटो, जातियो में हिंदू जनता न बटे और एक मुश्त वोट देती रहे, ये जो यहां के नेताओं की भावना है, उसे जनता के बीच ले जाने के लिए धीरेंद्र शास्त्री को मोहरा बनाया जा रहा है। सनातन यात्रा में नारा लगाया जा रहा है 'जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई' यानी जात पात से बट रहे हैं। यही उनका भी नारा है बटोगे तो कटोगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आगे कहा कि, वो कह रहे हैं कि दूसरी पार्टियां जात-पात की राजनीति कर रही हैं। इसलिए जात-पात में मत बटो और हिंदू-हिंदू रहो तो एकमुश्त वोट हमें मिले। इस बात को पुख्ता करने के लिए धीरेंद्र शास्त्री सड़क पर उतरे हुए हैं। वह राजनीति शक्ति के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि "हिंदू में जाति ही पहचान होती है। अगर आपसे कोई पूछेगा आप कौन से हिंदू हो तो आप कहोगे कि हिंदू है तो आप कौन भरोसा करेगा। यह हमारे की परंपरा है और हमारे यहां वर्णाश्रम का विचार है। आंदोलन इसके लिए होना चाहिये कि वर्णाश्रम को मानते हुए किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करेंगे। लेकिन जात-पात की विदाई कर देंगे तो हमारी पहचान ही खत्म हो जाएगी। जब हमारी पहचान नष्ट हो जाएगी तो हम कैसे सनातनी रहेंगे।