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भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौड़ को हाईकोर्ट से झटका, एफआईआर रद्द करने से कोर्ट का इनकार, चलता रहेगा मुकदमा

भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौड़  की मुश्किल बढ़ सकती है। उनको हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नेहा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने से इनकार कर दिया है।

भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौड़ को हाईकोर्ट से झटका, एफआईआर रद्द करने से कोर्ट का इनकार, चलता रहेगा मुकदमा

भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौड़  की मुश्किल बढ़ सकती है। उनको हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नेहा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने से इनकार कर दिया है। सीधी जिले में एक व्यक्ति के एक जनजातीय समाज के श्रमिक के ऊपर पेशाब करने का एक पुराना वीडियो चुनावों के दौरान वायरल किया गया था, जिस पर नेहा सिंह राठौड़ ने विवादित टिप्पणी की थी।

मुकदमें को निरस्त करने से कोर्ट इनकार

यूपी में का बा’ वाले गाने से चर्चा में आईं भोजपुरी गायिका नेहा राठौड़ की मुश्किलें अब बढ़ सकती है। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने से हाईकोर्ट ने साफ इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा की नेहा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में एक विशेष विचारधारा की ड्रेस का इस्तेमाल क्यों किया? ये अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। इस आजादी के ऊपर भी कई तरह के प्रतिबंध लागू होते हैं।

भोपाल के हबीबगंज थाने में दर्ज हुई है FIR

नेहा के खिलाफ भोपाल के हबीबगंज पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट में जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए पूछा की नेहा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कार्टून में आरएसएस की खाकी वर्दी का जिक्र करते हुए एक विशेष विचारधारा की पोशाक क्यों जोड़ी, जबकी वीडियो में आरोपी ने ऐसी कोई पोशाक नहीं पहनी थी।

कार्टून में किसी पोशाक को जोड़ना व्यंग्य नहीं-हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने आगे कहा की नेहा ने अपने हिसाब से सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कार्टून में चीजें जोड़ीं हैं जो असल में उस वीडियो का हिस्सा नहीं थी इसलिए ये नहीं कहा जा सकता की नेहा ने अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार का इस्तेमाल किया है। जस्टिस अहलूवालिया ने आगे कहा की एक कलाकार को व्यंग्य करने का अधिकार है लेकिन कार्टून में किसी एक पोशाक को जोड़ना व्यंग्य नहीं कहा जा सकता।

धारा 153 ए के तहत चल रहा मुकदमा

लोक गायिका नेहा सिंह पर पिछले साल आईपीसी की धारा 153 ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जब उन्होंने एक कार्टून पोस्ट किया था जिसमें एक व्यक्ति को अर्धनग्न अवस्था में फर्श पर बैठे दूसरे व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाया गया था। कार्टून में खाकी रंग का निक्कर भी जमीन पर पड़ा हुआ दिखाया गया था। यह आरोपी प्रवेश शुक्ला के राजनीतिक झुकाव को दर्शाता है, जो कथित तौर पर भाजपा का कार्यकर्ता था।