समालखा को नगर परिषद बनाने की मांग, एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन
हरियाणा | 'समालखा बचाओ संघर्ष मोर्चा' ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को एसडीएम की मार्फत ज्ञापन भिजवा कर समालखा नगरपालिका को भंग कर इसे नगर परिषद बनाने और सभी 22 अवैध कालोनियों को अप्रूव करने की मांग की है.
हरियाणा | 'समालखा बचाओ संघर्ष मोर्चा' ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को एसडीएम की मार्फत ज्ञापन भिजवा कर समालखा नगरपालिका को भंग कर इसे नगर परिषद बनाने और सभी 22 अवैध कालोनियों को अप्रूव करने की मांग की है. संघर्ष मोर्चा ने मांग पूरी न होने पर हाईकोर्ट जाने की चेतावनी भी दी है.
संघर्ष मोर्चा संयोजक और आरटीआई एक्टिविस्ट कामरेड पीपी कपूर की अगुवाई में मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम अमित कुमार को सीएम के नाम लिखित मांग पत्र सौंप कर नगरपालिका भंग करके नगर परिषद बनाने, एसडीएम को पालिका एडमिनिस्ट्रेटर का चार्ज देने और सभी 22 अवैध कालोनियों को स्वीकृत कराने का केस सरकार को भिजवाने की मांग की है.
संघर्ष मोर्चा संयोजक और आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि अब पालिका सीमा विस्तार होने से समालखा की आबादी बढ़ कर 65000 से ज्यादा हो चुकी है. जबकि 50,000 की आबादी होने पर नगर पालिका भंग करके नगर परिषद बनाये जाने का नियम है.
पूर्व सीएम खट्टर भी कर चुके हैं मांग
बता दें कि 26 नवंबर 2023 को नई अनाज मंडी समालखा की रैली में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी नगरपालिका को नगर परिषद बनाने की सीएम घोषणा कर चुके हैं. कपूर ने बताया कि हरियाणा सरकार ने बीती 12 फ़रवरी को डीसी और पालिका सचिव को पत्र भेज कर नगर परिषद बनाने के लिए पालिका हाउस का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये थे. लेकिन नगरपालिका ने यह जरूरी प्रस्ताव चार महीने बीत जाने पर भी नहीं भेजा. आरोप लगाया कि नगर पालिका शहर की अवैध कालोनियों को अप्रूव कराने का केस भी सरकार को नहीं भेज रही. जिसका ख़ामियाजा इन कालोनियों की जनता बुरी तरह भुगत रही है और सरकार को कोस रही है.
नगर परिषद बनने पर शहरवासियों को ये लाभ
शहर की नई वार्ड बंदी होगी
पालिका सीमा वृद्धि उपरांत नगरपालिका में शामिल हुई करीब 22 कालोनियों के वासी पालिका चुनावों में वोट डाल कर अपने नगर पार्षद चुन सकेंगे
विकास कार्यों के लिए सरकार से ज्यादा ग्रांट राशि मिलेगी.
सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ेगी.
नगर परिषद कार्यालय में कर्मचारीयों की वृद्धि होगी.
पालिका सचिव की जगह कार्यकारी अधिकारी (ई ओ) और उप पालिका आयुक्त जैसे सक्षम अधिकारी नियुक्त होंगे.
अविकसित कॉलोनियों में पेयजल,सीवर पाइप लाइन,सफाई व्यवस्था,पक्की सड़कों,नालियों जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी.
ये हैं मुख्य मांगें
नगरपालिका को तत्काल भंग करके तत्काल नगर परिषद बनाया जाए और एसडीएम को एडमिनिस्ट्रेटर का चार्ज दिया जाए.
समालखा की सभी करीब 22 अवैध कालोनियां को तत्काल स्वीकृत करवाने का केस सरकार को भेजा जाए, ताकि यहां विकास कार्य हो पायें और यहां के निवासी नगर परिषद चुनावों में मतदान के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग कर पायें.
नेस्ले रो की महात्मा ग्रामीण बस्ती, श्री तारा एन्क्लेव कालोनी, भरत नगर कालोनी, शास्त्री कालोनी, राजस्थान कालोनी एक्सटेंशन, साँसी कालोनी, चोपड़ा कालोनी, प्रीतम पुरा कालोनी, चंदन गार्डन कालोनी, मयूर विहार, गणेश पार्क कालोनी,विकास नगर, संगम कालोनी एक्सटेंशन, बजरंग कालोनी,राजीव कालोनी एक्सटेंशन, शिव कालोनी एक्सटेंशन, गांधी कालोनी एक्सटेंशन सहित पालिका में शामिल सभी 22 कॉलोनियों में गलियां, नालियां पक्की की जाएं, पेयजल पाइप लाइन बिछाई जाए और सीवर पाइप लाइन बिछा कर गंदे पानी की निकासी कराई करवाई जाए.
इन सभी कॉलोनियों में तत्काल सफाई और कूड़ा उठवाने की व्यवस्था शुरू करवाई जाए,स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाए.
बता दें कि ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में पीपी कपूर, एडवोकेट दया नंद पवार, अनिल पांचाल, विजेंद्र धीमान, एडवोकेट अरविन्द कुमारी, एडवोकेट विनय, एडवोकेट संजय सरोहा,मास्टर सतबीर,मुंशी प्रेम चंद, सुमित गहल्याण आदि शामिल हुए.
रिपोर्ट - सुधीर पाल