Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

Haryana Election: जेल से रिहा होते ही हरियाणा चुनाव पर केजरीवाल की नजर, BJP-कांग्रेस में किसका नुकसान, यहां देखें समीकरण

Haryana Assembly Elections 2024: अरविंद केजरीवाल की रिहाई के बाद से आम आदमी पार्टी गदगद है। ऐसे में हरियाणा चुनाव दिलचस्प होने वाला है, जहां आप कांग्रेस की टेंशन बढ़ा सकती है तो बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है। जानें कैसे 

Haryana Election: जेल से रिहा होते ही हरियाणा चुनाव पर केजरीवाल की नजर, BJP-कांग्रेस में किसका नुकसान, यहां देखें समीकरण

हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी भी ताल ठोक रही है। इसी बीच शुक्रवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से रिहा हो गए। सीबीआई ने लगभग 6 महीने बाद केजरीवाल को क्लीन चिट दे दी। वहीं, जेल से बाहर आते उनके तेवर कड़क दिखाई दिए। सख्त लहज में कहा कि मेरे खून-खून का एक-एक कतरा देशवासियों के लिए लिए है। वह जेल से बाहर आते ही बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। 

ये भी पढ़ें-

हरियाणा चुनाव पर दिखेगा असर ?

बता दें, अरविंद केजरीवाल को 117 दिन बाद जमानत मिली है। ऐसे में पार्टी नेता और कार्यकर्ता गदगद है,हालांकि सियासी जानकार उनकी रिहाई हरियाणा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। हरियाणा के रण में आम आदमी पार्टी अकेले मैदान में हैं, पहले उसका कांग्रेस के साथ गठबंधन पर खबरें थी हालांकि दोनों दलों के बीच बात नहीं बन पाई। देखा जाए तो दिल्ली-पंजाब दोनों राज्यों में आप कांग्रेस के मजबूत स्थिति में है, अगर हरियाणा में भी आप केजरीवाल कॉर्ड खेलती है तो कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है जबकि दूसरी ओर इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा। बहरहाल, मतदान में 22 दिन बाकी हो लेकिन अब आप हरियाणा में प्रचार-प्रसार की कमी नहीं रखेगी। जिसकी बागडोर खुद अरविंद केजरीवाल संभालेंगे। 

हरियाणा में मजबूत स्थित में आप?

इस वक्त केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह जैसे पार्टी के बड़े नेता जेल से बाहर हैं। क्य ये तिगड़ी हरियाणा चुनाव में भी कमाल दिखाएगी। हरियाणा में आम आदमी पार्टी का रिकॉर्ड कुछ अच्छा नहीं है। 2014-2024 तक सभी लोकसभा-विधानसभा चुनाव में आप उम्मीदवारों को जीत नहीं मिली। बीते लोकसभा चुनाव में आप कांग्रेस के साथ उतरी थी हालांकि, उसके सभी कैंडीडेट अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। जबकि आप का लक्ष्य 4 फीसदी वोट शेयर बढ़ाना भी शून्य रह गया। गौरतलब है, इस बार केजरीवाल एजेंसियों के गलत उपयोग,जाति-धर्म के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे हैं, कांग्रेस की रणनीति भी इसी से मिलती-जुलती में है, ऐसे में वोटों का बिखराव होना तय है,जिसका फायदा  सीधे बीजेपी को मिल सकता है। 

जेल में रहने के बाद भी प्रिय केजरीवाल 

लोकसभा चुनाव से पहले ईडी-सीबीआई जांच में कई विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी, हालांकि इसका असर चुनावों में दिखाई नहीं दिया और जेल में बंद होकर भी उनकी पार्टियों ने शानदार प्रदर्शन किया। शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी को घेरा गया था हालांकि लोकसभा चुनाव में इसका कोई खास प्रभाव पड़ा नहीं। दिल्ली-पंजाब दोनों राज्यों में आप का वोट प्रतिशत बढ़ा। जहां पंजाब में उसे 19 फीसदी के करीब तो दिल्ली में 6 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। ऐसे में अभी सभी की नजरें हरियाणा विधानसभा चुनाव पर है कि आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहता है।