Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

समरीन बनी सुमन... हलाला और बुर्के के डर से इस्लाम छोड़कर मुस्लिम युवती ने अपनाया सनातन धर्म, हिन्दू युवक से रचाई शादी

Samreen Adopted Sanatan Dharma: यूपी के बरेली में एक मुस्लिम युवती ने हलाला और बुर्के के डर से इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। और अपने हिन्दू प्रेमी से सात फेरे लेकर शादी कर ली।  

समरीन बनी सुमन... हलाला और बुर्के के डर से इस्लाम छोड़कर मुस्लिम युवती ने अपनाया सनातन धर्म, हिन्दू युवक से रचाई शादी

Samreen Adopted Sanatan Dharma: यूपी के बरेली में एक मुस्लिम युवती ने इस्लाम से नाता तोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। समरीन हलाला और बुर्के के डर से अपना शुद्धिकरण करवाकर सुमन बन गई। इसके बाद सुमन ने वैदिक रीति रिवाज से अग्नि को साक्षी मानकर हिन्दू युवक मित्रपाल यादव के साथ सात फेरे लिये और विवाह कर लिया।

हलाला और बुर्के के डर से तोड़ा इस्लाम से नाता

सुमन बरेली के थाना इज्जत नगर क्षेत्र के कुआं टांडा की रहने वाली है. सुमन का कहना है कि उसे बुर्के में रहना पसंद नहीं था। और न ही उसे कोई मुस्लिम रीति रिवाज पसंद थे।सुमन ने ये भी बताया की वो एक हिंदू युवक ने प्रेम करती थी जिसका नाम मित्रपाल था। इसलिए युवती ने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर प्रेमी संग शादी कर ली। सुमन और मित्रपाल ने बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंचकर सात फेरे लिए। मित्रपाल ने सुमन की मांग में सिंदूर भरकर उसे जीवन संगिनी बनाया। इससे पहले समरीन से सुमन बनी युवती ने विधि-विधान से सनातन धर्म अपनाया। 

गंगाजल से किया गया युवती का शुद्धिकरण

आश्रम के आचार्य पंडित के.के शंखधर ने बताया कि मुस्लिम युवती का पूजा पाठ करके गोमूत्र और गंगाजल से शुद्धिकरण किया गया है और सनातन धर्म अपनाया। इसके बाद अपने हिंदू प्रेमी मित्रपाल के साथ विवाह किया और घर वापसी की है। मंडप में बैठकर दुल्हन बनी सुमन ने कई बार गायत्री मंत्र का जाप किया। मित्रपाल ने सुमन की मांग में सिंदूर भरकर जयमाला पहनाई और अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए।

‘इस्लाम में नहीं होती महिलाओं की इज्जत’

समरीन से सुमन यादव बनी युवती का कहना है की इस्लाम में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है। बिना बुर्के के घर से नहीं निकल सकते। किसी से बात नहीं कर सकते। घर में भी कोई आये तो वहां भी परिवार के लोग नजर रखते हैं। यानी घर के अंदर भी कैद की तरह ही रहना पड़ता है। सुमन ने बताया कि उसे इस्लाम शुरू से पसंद नहीं था। वह नमाज भी नहीं पढ़ती थी। और जब वह अपनी  हिंदू सहेलियों के घर जाती तो वहां का माहौल बहुत अच्छा लगता था। हिन्दू परिवारों में बहू-बेटियां  पर कहीं कोई पाबंदी नजर नहीं आती थी। हिन्दू धर्म में घर वापसी के बाद अब उसे हलाला का डर नहीं रहा है। उसे बुर्के से भी आजादी मिल गई है। युवती ने कहा उसके सनातन धर्म अपनाने से घरवाले चिढ़ गए हैं और उसे या उसके पति के साथ अनहोनी कर सकते हैं। उसने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है।