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सरकार के नए नियम से सोशल मीडिया पर कोहराम, नई पॉलिसी का क्या है सच, सब जान लें

सोशल मीडिया पर एक फर्जी दावा वायरल हो रहा है कि सरकार सोशल मीडिया ऐप्स पर कड़ी नजर रखेगी और मोबाइल कॉल्स व मैसेज की मॉनिटरिंग करेगी। इस अफवाह के अनुसार, सरकार के खिलाफ लिखने पर जेल की सजा हो सकती है। लेकिन, PIB ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि यह पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।

सरकार के नए नियम से सोशल मीडिया पर कोहराम, नई पॉलिसी का क्या है सच, सब जान लें

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक अफवाह तेजी से फैल रही है कि सरकार सोशल मीडिया ऐप्स पर कंट्रोल करना चाहती है और सभी मोबाइल कॉल और मैसेज पर नजर रखेगी। इसके अनुसार यदि आप सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखते हैं या बात करते हैं, तो सरकार की एक टीम उस पर नजर रखेगी। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस दावे के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट जारी करके बताया है।

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PIB के अनुसार सरकार ऐसा कोई बिल नहीं ला रही है, जिसकी मदद से सोशल मीडिया को कंट्रोल किया जा सकेगा। इसलिए यह पूरी तरह से गलत है, जिसको इस समय ऑनलाइन फैलाया जा रहा है। इस तरह के झूठ पर लोगों को बिल्कुल भी भरोसा नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही ऐसे किसी भी मैसेज को नहीं फैलाना और इसको रोकना चाहिए। इसलिए यह दावा पूरी तरह से फर्जी है, और सरकार की ओर से ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया जा रहा है।

ओटीटी प्लेटफॉर्म टेलिकॉम कंपनियों जैसे काम कर रहे

आपको बता दें कि टेलिकॉम कंपनियां जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया सरकार पर दबाव डाल रही है कि वो ओटीटी ऐप्स को एक समान कानून के दायरे में लेकर आया जाए, क्योंकि ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे वॉट्सऐप और टेलिग्राम ठीक वैसा ही काम कर रहे हैं, जैसा टेलिकॉम कंपनियां कर रही है। इन प्लेटफॉर्म से कॉल और मैसेज किया जा सकता है।

ओटीटी ऐप्स रेगुलेट करने से किया इनकार

ओटीटी ऐप्स पर सरकार का किसी तरह का नियंत्रण नहीं है। इसके साथ ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पूरी तरह से फ्री होते है। ऐसे में टेलिकॉम यूजर्स ओटीटी के द्वारा वीडियो कॉल और मैसेज कर सकते हैं। जिसकी वजह से टेलिकॉम कंपनियों को नुकसान हो रहा है। लेकिन सरकार ने ओटीटी ऐप्स को रेगुलेट करने से फिलहाल इनकार कर दिया है, जिस पर सरकार ने कहा कि सरकार ऐसा कोई प्लान नहीं कर रही हैं, जिससे सोशल मीडिया को कंट्रोल किया जा सकता है।