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Jaipur News: गुस्से में दिखे विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, नियम तोड़ने वाले सदस्यों को किया 6 माह के लिए निलंबित

देवनानी ने नियमों के विपरित प्रतिपक्ष के व्यवहार को लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं और समृद्ध संसदीय परम्पराओं की अवहेलना बताया है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दस बार नेता प्रतिपक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्यों को सदन में बैठने के लिए भी अनुरोध किया गया।

Jaipur News: गुस्से में दिखे विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, नियम तोड़ने वाले सदस्यों को किया 6 माह के लिए निलंबित

राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि राजस्थान विधान सभा सदन में मंगलवार को भी प्रतिपक्ष ने आसन के आदेशों की अवहेलना कर पवित्र सदन की गरिमा को ठेस पहुँचाई। देवनानी ने कहा कि उन्होंने आसन से बार-बार निलंबित सदस्य को सदन से बाहर भेजने के लिए कहा। प्रतिपक्ष ने आसन के निर्देशों को नकारा और निलंबित सदस्य को सदन में सुरक्षा दी और उसे बाहर नहीं भेजा बल्कि उसे घेर कर सदन में जमे रहे।

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देवनानी ने नियमों के विपरित प्रतिपक्ष के व्यवहार को लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं और समृद्ध संसदीय परम्पराओं की अवहेलना बताया है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दस बार नेता प्रतिपक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्यों को सदन में बैठने के लिए भी अनुरोध किया गया। देवनानी ने प्रतिपक्ष द्वारा आसन के निर्देशों की अवहेलना को बेहद दु:खद बताया है। उन्होंने कहा कि सदन में किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटे इसके लिए उन्होंने निलंबित सदस्य को सदन से बाहर निकालने के लिए मार्शल भी नहीं बुलाया।

निलंबित सदस्य का बचाव करना बेहद निन्दनीय - अध्यक्ष देवनानी

अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि जब तक वो आसन पर रहेंगे तब तक वो आसन की मान मर्यादा और गरिमा को बनाये रखेंगे। विपक्षी सदस्यों ने अपने असंवैधानिक आचरण से विधानसभा जैसे पवित्र एवं गरिमामय सदन को ठेस पहुंचाई है, जिसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। विपक्ष द्वारा निलंबित सदस्य का बचाव करना अत्यंत निंदनीय एवं अशोभनीय है।
देवनानी ने कहा कि आसन द्वारा बार-बार प्रतिपक्ष को अनुरोध किये जाने के बाद भी निलंबित सदस्य को बाहर नहीं भेजा जाना, आसन के निर्णय की सरासर अवहेलना है। देवनानी ने कहा कि उनके अनुरोध को प्रतिपक्ष ने नकारा। जिसके बाद उन्हें दु:खी मन से सदस्य को छ: माह के लिए निलंबित किये जाने के लिए बाध्य होना पड़ा।

16वीं विधान सभा का दूसरे सत्र का आखिरी दिन

देवनानी ने कहा कि वे चाहते हैं कि सोलहवीं विधानसभा के दूसरे सत्र का अंतिम दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच सौहार्दपूर्ण संवाद के साथ सम्पन्न हो। उन्होंने भारी मन से कहा कि विपक्ष ने सत्र के अंतिम दिन को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त नहीं होने दिया। सत्र के दौरान विपक्ष के नेता और विपक्षी सदस्यों ने कई बार असंसदीय व्यवहार किया और गतिरोध पैदा किया। बाद में अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष का यह व्यवहार असंवैधानिक और अनैतिक था।  

अमर्यादित और अनैतिकता व्यवहार को देखकर मैं दु:खी हूं - देवनानी

देवनानी ने कहा कि आसन असंसदीय और अमर्यादित आचरण को प्रोत्साहित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता, संस्कृति और नैतिकता उनके आचरण में समाहित है। सदन में प्रतिपक्ष की आज भी अमर्यादित और अनैतिकता वाले व्यवहार को देखकर वे दु:खी हुए। अमर्यादित परिस्थिति में वे कठोर और उच्च संसदीय परम्पराओं के निर्वहन और लोकतन्त्र की मजबूती वाला निर्णय लेने में विश्वास रखते है, ताकि शांति, सदभाव, समन्वय और सहिष्णुता का वातावरण बना रहे।

16वीं विधानसभा का दूसरा सत्र

आपको बता दें कि सोलहवीं विधानसभा के दूसरे सत्र में विपक्ष ने नियमों और आसन के निर्देशों की अवहेलना करते हुए सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जो आसन द्वारा सदन की समृद्ध परम्पराओं के अनुरूप स्वीेकार योग्य नहीं थे। पूर्व में भी प्रतिपक्ष नेता द्वारा आसन को धृतराष्ट्र कहना, विधायक शांति धारिवाल द्वारा सदन में सभापति को धमकाया जाना और अपशब्द  के उपयोग किये जाने, विधायक श्रवण कुमार के साथ प्रतिपक्ष सदस्यों द्वारा लगातार नियमों की अवहेलना कर, लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं और संसदीय परम्पराओं को आघात पहुँचाया।