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राजस्थान की राजधानी जयपुर... जयपुर को लोग ‘गुलाबी शहर’ के नाम से भी जानते हैं ऐसा क्यों ? आइये बताते हैं...

जयपुर शहर अपने किलों, महलों और हवेलियों के लिए काफी फेमस है और यहां इमारत बनाने के लिए गुलाबी पत्थरों का प्रयोग किया जाता है। जयपुर इतनी खूबसूरत जगह है कि लोग यहां देश विदेश से घूमने आते हैं। दरअसल इससे जुड़ी एक कहानी है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर... जयपुर को लोग ‘गुलाबी शहर’ के नाम से भी जानते हैं ऐसा क्यों ? आइये बताते हैं...

जयपुर शहर अपने किलों, महलों और हवेलियों के लिए काफी फेमस है और यहां इमारत बनाने के लिए गुलाबी पत्थरों का प्रयोग किया जाता है। जयपुर इतनी खूबसूरत जगह है कि लोग यहां देश विदेश से घूमने आते हैं। दरअसल इससे जुड़ी एक कहानी है।

जयपुर का इतिहास

जयपुर की स्थापना के करीब 100 साल के बाद जयपुर का नाम पिंक सिटी रखा गया था। उससे पहले हम जयपुर को पिंक सिटी नहीं जयपुर ही कहते थे। आज से 100 साल से पहले जयपुर का रंग गुलाबी नहीं बल्कि पीला और सफेद हुआ करता था।

साल 1876 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट जयपुर आने वाले थे। उस समय जयपुर के महाराजा सवाई रामसिंह इनकी तैयारियों में जुटे थे। उनके स्वागत के लिए पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा था। शहर की सड़कें साफ कर उनके किनारे फूल-पत्तियां लगाई जा रही थीं। महाराजा सवाई रामसिंह ने सोचा क्यों न पूरे शहर को एक रंग में रंग दिया जाए। फिर उन्होंने उच्च अधिकारियों से इस बात की मंत्रणा की और परकोटे में स्थित पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंग दिया। उसके बाद से यह शहर गुलाबी हो गया जो बाद में चलकर गुलाबी नगर कहलाया।

जयपुर के महाराजा सवाई रामसिंह ने करवाया था जयपुर को पिंक

इसके बाद कुछ समय बात चीत करने के बाद इस बात का फैसला किया गया कि क्यों ना जयपुर को गुलाबी रंग से कलर करवा दिया जाए। इसके बाद से ही पूरे जयपुर को गुलाबी रंग से रंगा गया। इसके बाद से ही इस शहर को गुलाबी शहर कहा जाने लगा।