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राधा रानी या दासी किसका है बणी ठणी का चित्र

राजस्थान के किशन गढ़ बनी ठनी का चित्र दुनिया भर में  मशहूर है. इस चित्र की सबसे खूबसूरत बात इसमें बनी तीखे नैन- नक्श वाली नायिका की तस्वीर है.

राधा रानी या दासी किसका है बणी ठणी का चित्र

राजस्थान के किशन गढ़ बनी ठनी का चित्र दुनिया भर में  मशहूर है. इस चित्र की सबसे खूबसूरत बात इसमें बनी तीखे नैन- नक्श वाली नायिका की तस्वीर है. कुछ लोगों का मानना है कि यह चित्र राधा रानी का है.वहीं कुछ का ये भी कहना है कि यह चित्र एक बहुत ही खूबसूरत सी दासी का है.

जानकारों का कहना है कि  नागरीदास और उनकी दासी के बीच कुछ भी नही था. लेकिन लोग इस बात को उछाल रहे हैं. कहा जाता है की नागरीदास और दासी दोनो ही कृष्ण भक्त थे. और इसीलिए धार्मिक रूप में वो उनके साथ रही. जानकार कहते हैं कि बणी ठणी और संत नागरीदास के बीच ईश्वरीय प्रेम था, न कि लौकिक वासना जैसा प्रेम. प्रेम और वासना में काफी अंतर है. मीरा ने जो भगवान कृष्ण से प्रेम किया वो आध्यात्मिक प्रेम था.

ईश्वरीय प्रेम की डोर से बंधे थे नागरीदास और दासी

 कहा जाता है कि बणी ठणी के बारे में की गई पड़तालों से यह समझ आया है कि बणी ठणी एक दासी थी. जो बेहद सुंदर थी. बणी ठणी में कृष्ण भक्ति का भाव था. राजा सांवत सिंह वृंदावन गए तो कृष्ण भक्ति की वजह से बणी ठणी भी उनके साथ रही. यहां सावंत सिंह नागरीदास बने और उनके साथ बणी ठणी का जीवन सफल हो गया.

मूल कृति आज भी है सुरक्षित

लोगों का यह मानना है कि राजा सावंत सिंह ने दासी का चित्र बनवाया, जो बणी ठनी के नाम से जाना गया. इसकी अनमोल कृति राज परिवार के पास आज भी सुरक्षित है.