महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ ने एकलिंगजी मंदिर में की पूजा, विवाद के बीच सुरक्षा व्यवस्था हुई कड़ी
राजस्थान के उदयपुर स्थित 1300 साल पुराने एकलिंगजी मंदिर में महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ ने सोमवार को परंपरागत पूजा अर्चना की। इस पूजा से पहले मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बढ़े तनाव के बीच प्रशासन ने कड़ी निगरानी रखी। राजपरिवार के अंदर संपत्ति विवाद और मंदिर में अनधिकृत प्रवेश पर रोक की वजह से मंदिर दर्शन के लिए नियमों का पालन करना अनिवार्य हो गया है।
राजस्थान के उदयपुर स्थित 1300 साल पुराने एकलिंगजी मंदिर में सोमवार को महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ ने अपनी परंपरागत पूजा की। हालांकि, इस पूजा से पहले मंदिर तक पहुंचने के रास्ते पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तनाव बढ़ गया था। एक ओर जहां राजपरिवार के अंदर संपत्ति विवाद जारी है, वहीं दूसरी ओर मंदिर में अनधिकृत प्रवेश पर रोक के चलते प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं।
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राजपरिवार में संपत्ति के कारण विवाद
मालूम हो कि एकलिंगजी मंदिर मेवाड़ राजपरिवार का ऐतिहासिक हिस्सा है और इसे महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत संरक्षित किया गया है। विश्वराज सिंह के चाचा, अरविंद सिंह मेवाड़ इस ट्रस्ट के प्रमुख हैं। इस समय राजपरिवार में संपत्ति को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है, जिसके कारण मंदिर दर्शन के लिए नियमों का पालन करने की आवश्यकता बताई गई है। इस विवाद के चलते मंदिर में प्रवेश से पहले प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य हो गया है, जिसके चलते मंदिर के आसपास सुरक्षा का कड़ा पहरा लगाया गया है।
विश्वराज सिंह करना चाहते थे एकलिंगजी के दर्शन
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब महाराणा विश्वराज ने एकलिंगजी मंदिर दर्शन की इच्छा जताई, तो मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष बालू सिंह कानावत के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर दर्शन की अनुमति मांगी। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो धार्मिक और सामाजिक असंतोष पैदा हो सकता है।
एकजुट होने की अपील
सोशल मीडिया पर "चलो समोर बाग" के संदेश तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें लोगों से एकजुट होने की अपील की जा रही है। साथ ही कहा गया है कि 27 नवंबर को समोर बाग पैलेस पहुंचकर स्वाभिमान की रक्षा के लिए सामूहिक संकल्प लिया जाएगा।
पगड़ी बदलने की रस्म
विश्वराज सिंह के दर्शन के बाद उनकी पगड़ी बदलने की रस्म भी निर्धारित की गई है। समर्थकों का कहना है कि दर्शन के बाद वे सीधे समोर बाग जाएंगे और वहां पर होने वाली बैठक में भाग लेंगे। इसके बाद धूणी दर्शन के लिए उनकी यात्रा जारी रहेगी। प्रशासन ने मंदिर में कैमरा लेकर जाने की अनुमति नहीं दी है और सुरक्षा व्यवस्था को नजरअंदाज न करते हुए एसपी ने मौके पर पहुंचकर निगरानी शुरू कर दी है।