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Rajasthan News: नूंह जिले में मनरेगा योजना पर लगा भ्रष्टाचार का दाग, फर्जी खातों में ट्रांसफर हुई बड़ी रकम

नूंह जिले में मनरेगा योजना का उद्देश्य जरूरतमंदों को 100 दिन का रोजगार प्रदान करना था, लेकिन हाल ही में चीला गांव में इस योजना का बड़ा घोटाला सामने आया है। करोड़ों रुपये के इस घोटाले में पूर्व महिला सरपंच के जेठ खालिद और पंचायत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मृतकों और नाबालिगों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए।

Rajasthan News: नूंह जिले में मनरेगा योजना पर लगा भ्रष्टाचार का दाग, फर्जी खातों में ट्रांसफर हुई बड़ी रकम

मनरेगा योजना, जो जरूरतमंद परिवारों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, नूंह जिले में भ्रष्टाचार का शिकार होती नजर आ रही है। लगातार सामने आ रहे घोटालों से यह साफ होता है कि इस योजना में किस हद तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है। हाल ही में नूंह जिले की ग्राम पंचायत चीला में करोड़ों रुपये के मनरेगा घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें पूर्व महिला सरपंच के जेठ खालिद को गिरफ्तार किया गया है।

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पुलिस रिमांड के दौरान खालिद ने पंचायत विभाग के तीन अधिकारियों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम देने की बात कबूल की है। उसने यह भी स्वीकार किया कि मृत व्यक्तियों और बच्चों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड जयपुर के एक किराए के मकान में बनाए गए थे।

मनरेगा घोटाले में ये भी शामिल 

पिछले गुरुवार को अपराध जांच शाखा तावडू पुलिस ने मनरेगा घोटाले में शामिल चीला गांव की पूर्व महिला सरपंच फिरदोज के जेठ खालिद को पढ़ेनी से हिरासत में लिया। आरोपी को अदालत में पेश किया गया और उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। इस दौरान लंबी पूछताछ के बाद खालिद ने घोटाले से जुड़े कई अहम खुलासे किए।

घोटाले में शामिल फर्जी जॉब कार्ड बनाए 

उसने बताया कि इस करोड़ों रुपये के घोटाले में पंचायत विभाग के एबीपीओ जावेद अली, एबीपीओ अरशद और अकाउंटेंट असलम ने भी धोखाधड़ी और साजिश में उसकी मदद की थी। घोटाले के तहत परिवार के सदस्यों और गांव के कुछ नाबालिग बच्चों की उम्र बदलकर और कुछ मृतकों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए। इसके बाद विभिन्न बैंकों में फर्जी खाते खुलवाए गए, और कई किस्तों में करोड़ों रुपये की रकम हड़प ली गई।

38 फर्जी जॉब कार्ड सामने आए

नूंह जिले के चीला गांव के निवासी अकरम की शिकायत पर पुलिस ने कुछ दिन पहले एक मामला दर्ज किया था, जिसमें करीब 38 फर्जी जॉब कार्ड सामने आए। इस गबन के आरोप में चीला गांव की पूर्व महिला सरपंच फिरदौज, उनके पति ताहिर, जेठ खालिद और ससुर शहीद समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। गौरतलब है कि मनरेगा योजना को जरूरतमंद परिवारों को साल में 100 दिन का रोजगार देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, लेकिन इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया।