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राजस्थान के प्राइवेट स्कूल अब नहीं कर पाएंगे मनमानी, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई

राजस्थान में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी अक्सर सुर्खियों में रहती है। लेकिन अब इस मनमानी पर रोक लगने जा रही है। राजस्थान सरकार ने प्राइवेट स्कूल संचालकों के लिए सख्त गाइडलाइन जारी की है।

राजस्थान के प्राइवेट स्कूल अब नहीं कर पाएंगे मनमानी, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई

राजस्थान में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी अक्सर सुर्खियों में रहती है।लेकिन अब इस मनमानी पर रोक लगने जा रही है। राजस्थान सरकार ने प्राइवेट स्कूल संचालकों के लिए सख्त गाइडलाइन जारी की है। जिसके अनुसार तीन साल तक फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी। साथ ही पेरेट्स स्कूली यूनिफॉर्म और किताबें भी बाहर से खरीद सकेंगे। प्राइवेट स्कूल संचालकों के लिए जारी गाइडलाइन में सरकार की तरफ से कई निर्देश तय किए गए हैं। जिससे अब अभिभावकों को राहत मिलेगी।  

नए सत्र से पहले एक्टिव हुआ शिक्षा विभाग

राजस्थान में नए शिक्षा सत्र की शुरुआत से पहले ही विभाग एक्टिव हो गया है। प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस और पेरेंट्स की समस्याओं को दूर करने के लिए अब शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए 10 सूत्री गाइडलाइन तैयार की है। जिसका पालन नहीं करने पर प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

प्राइवेट स्कूलों के लिए ये गाइडलाइन बनाई गई

  • प्रदेश के स्कूलों में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जाए। स्कूल स्तरीय फीस कमेटी का गठन हो। कमेटी के सदस्यों का नाम, पता और उनके मोबाइल नंबर पीएसपी पोर्टल पर अपडेट किये जाएं।
  • स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा अनुमोदित फीस को पीएसपी पोर्टल पर सालाना और मासिक मद में पीडीएफ बनाकर अपडेट करना अनिवार्य होगा।
  • स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा अनुमोदित फीस के अलावा किसी भी तरह का शुल्क वसूलना फीस एक्ट के खिलाफ होगा। ऐसे में स्कूल प्रशासन द्वारा फीस के नाम पर की गई वसूली को फिर से स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को लौटाना होगा।
  • स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा निर्धारित फीस तीन शैक्षणिक सत्रों के लिए होगी। सिर्फ कुछ वक्त के लिए नहीं। यानि की कोई भी प्राइवेट स्कूल संचालक 3 साल के बीच फीस नहीं बढ़ा सकेंगे।
  • प्राइवेट स्कूल जहां माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, सीबीएसई, सीआईएससीई, सीएआईई जैसे से मान्यता प्राप्त है। उनके नियमों और उप नियमों का पालन करते हुए शैक्षणिक सत्र के लिए किताबों का चयन करना होगा। जिसकी जानकारी लेखक का नाम, किताब की कीमत के साथ शैक्षणिक सत्र शुरू होने से एक महीने पहले ही स्कूल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य होगा, ताकि पेरेंट्स उन्हें बाजार से भी खरीद सके।
  • प्राइवेट स्कूलों में पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई, बेल्ट जैसे सामान की बिक्री के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन करना अनिवार्य होगा।
  • प्राइवेट स्कूलों में विशेष योग्यजन (दिव्यांग) स्टूडेंट और फीमेल स्टूडेंट्स के लिए बनाए गए नियमों की शत प्रतिशत पालन होना चाहिए।
  • स्टूडेंट्स पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की शिकायतों पर त्वरित सुनवाई के साथ ही दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
  • प्राइवेट स्कूलों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग का आयोजन किया जाए। जिसमें स्टूडेंट से जुड़ी समस्याओं के साथ स्कूल मैनेजमेंट संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा हो इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करना अनिवार्य होगा।
  • शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन और सभी सूचनाओं को स्कूल अपने नोटिस बोर्ड पर चस्पा और वेबसाइट पर अपलोड करेंगे ऐसा करना अनिवार्य होगा।
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