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इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति कानून पर बवाल, सालों पहले एक्ट हुआ लागू लेकिन नहीं हुआ बोर्ड का गठन

Electropathy Medical System Act: प्रदेश में सरकार ने 5 अक्टूबर, 2018 को इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति कानून तो बना दिया, लेकिन रेगुलेट करने के लिए आज तक बोर्ड का गठन नहीं हुआ।

 

इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति कानून पर बवाल, सालों पहले एक्ट हुआ लागू लेकिन नहीं हुआ बोर्ड का गठन

Electropathy Medical System Act: राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा बोर्ड के गठन का इंतजार कर रहे चिकित्सकों के सब्र का बांध अब टूट गया है. साल 2018 में राज्य सरकार ने इस चिकित्सा पद्धति की जांच के बाद एक्ट तो लागू कर दिया, लेकिन इसे रेगुलेट करने के लिए अब तक बोर्ड नहीं बना पाई।

इलेक्ट्रोपैथी डॉक्टर्स ने कई बार किया आंदोलन

इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन करने, बोर्ड के रजिस्ट्रार की नियुक्ति दोबारा करने, सरकार की ओर से आवंटित बोर्ड कार्यालय का सुचारू संचालन करने और चिकित्सकों का पंजीयन शुरू करने जैसी मांगों को लेकर इलेक्ट्रोपैथी डॉक्टर्स कई बार आंदोलन की राह पर भी उतरें है। लेकिन उसके बावजूद भी सरकार ने बोर्ड का गठन नहीं किया।

सरकार की लापरवाही से चिकित्सक परेशान

इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन करने की मांग को लेकर लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार कहती है कि गरीबों के लिए कुछ ऐसा करें जिससे उनको राहत मिले और एक तरफ जो चिकित्सा पद्धति सरल सुलभ और सस्ती है उस चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने में अवरोध पैदा कर रही है इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सकों ने कोरोना काल में भी प्रदेश भर के रोगियों व निरोगियों को भी इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा निशुल्क वितरण कर सभी की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया था और उससे काफी मरीजों को लाभ हुआ था।

ब्यूरो रिपोर्ट राजस्थान