Rajasthan News: 'जान जाए पर जिला ना जाए', भूख हड़ताल पर क्यों बैठे सुखराम बिश्नोई, क्या है मामला ? जानें
राजस्थान में पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई संचौर जिले को बचाने के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं। बजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर के बयान के बाद जिले के पुलिस अधीक्षक को हटाया गया, जिससे लोगों में रोष है। जानिए पूरा मामला।
राजस्थान में इन दिनों सांचौर जिले की चर्चा जो रही है,जिसे बचाने के लिए पूर्व राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई 74 साल की उम्र में बीते तीन दिनों से जिला कलेक्ट्रेट के बाहर आमरण अनशन में बैठे हुए हैं। शुक्रवार को अचानक से उनकी तबियत बिगड़ गई है, आनन-फान में डॉक्टर को बुलाया गया, जहां मेडिकल चेकअप के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए कहा गया पर उन्होंने इससे इन्कर कर दिया। पूर्व मंत्री ने स्पष्ट किया जबतक सरकार सांचौर जिले को निरस्त करने का आदेश वापस नहीं लेती है तब तक वह भूख हड़ताल करेंगे।
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सुखराम बिश्नोई की जनता से अपील
वहीं, पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने आशंका जताई है कि तबियत खराब होने पर उन्होंने प्रशासन जबरदस्ती अस्पताल में भर्ती करा सकता है। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से सांचौर जिले को बचाने के लिए जनता का साथ मांगा है, ताकि कोई भी उन्हें मर्जी के बिना अस्पताल न ले जा सके। इस आह्वन के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई है। वहीं, पूर्व मंत्री ने सरकार से जिले को यथावत रखने के लिए गारंटी मांगी है। उनका कहना है कि जिला बनने से लोगों को राहत के साथ कई सुविधाएं मिली हैं लेकिन जिला निरस्त करने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं। यहां से लगातार अधिकारियों को हटाया जा रहा है,ऐसे में असमंजस खत्म करने के लिए सरकार स्पष्ट उत्तर दे।
आखिर क्या है पूरा मामला ?
बता दें, बीते दिनों बजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर ने कहा था तत्कालीन सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए एक-एक विधानसभा को जिला बना दिया है। सांचौर-केकड़ी भी ऐसी ही जिले हैं,जिन्हें हटाया जाएगा। इस बयान के कुछ दिनों बाद ही सांचौर जिले के पुलिस अधीक्षक को हटाकर जालौर के एसपी को साचौंर का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया गया। इसी बात से सांचौर जिले की जनता नाराज है। वहीं, सांचौर जिले की बात करें तो यहां पर आबादी लगभग साढ़े आठ लाख के आसपास है। इसमें 5 विधनानसभा क्षेत्र, 150 ग्राम पंचायत, 451 आते हैं। जबकि ये गांव पाकिस्तान के काफी करीब पड़ता है, सांचौर मुख्यालय पाकिस्तान सीमा से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। ऐसे में ये जिला हमेशा चर्चा में रहता है।