Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

पिछोला एक ऐसी झील जिसकी खूबसूरती की कोई बराबरी नहीं

ऊंची पहाड़ियों, पुरानी इमारतों और स्नान घाटों से घिरी यह झील शांति और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सपने के सच होने जैसा है.

पिछोला एक ऐसी झील जिसकी खूबसूरती की कोई बराबरी नहीं

पिछोला झील उदयपुर के मध्य में स्थित एक कृत्रिम झील है. शहर की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी झीलों में से एक पिछोला झील अपनी शांति और सुंदरता की वजह से लाखों पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है. ऊंची पहाड़ियों, पुरानी इमारतों और स्नान घाटों से घिरी यह झील शांति और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सपने के सच होने जैसा है. इसकी यात्रा नाव की सवारी के बिना अधूरी है, खासकर सुबह के समय. वहीं शाम के समय ऐसा लगता है कि पूरी झील सोने की हो गई है क्योंकि यहां की इमारतों की परछाई के साथ सूर्य का प्रतिबिंब इसमें सुनहरा दिखाई देता है. यह मनमोहक दृश्य आपको शांति की एक अलग दुनिया में ले जाएंगे .

 पिछोला झील का निर्माण1362 ई. में महाराणा लाखा के शासनकाल के दौरान पिचू बंजारा द्वारा निर्मित यह झील 3 मील लंबी, 2 मील चौड़ी और 30 फीट की गहराई वाली है. झील के आकर्षण से मुग्ध होकर महाराणा उदय सिंह ने इसका और विस्तार करवाया और इस झील के किनारे पर एक बांध भी बनवाया. इसके किनारों पर हरी-भरी पहाड़ियां और कई शाही महल सोने पर सुहागा जैसा है. उदयपुर का सिटी पैलेस पूर्वी तट की शोभा बढ़ाता है, जबकि मोहन मंदिर उत्तर-पूर्व कोने में स्थित है. प्रसिद्ध लेक पैलेस बिल्कुल इसके बीच में स्थित है और जग द्वीप पर जग मंदिर है.

 पिछोला झील का इतिहासपिछोला का निर्माण 1362 ई. में महाराणा लाखा के शासनकाल के दौरान अनाज का परिवहन करने वाले एक आदिवासी पिचू बंजारा द्वारा किया गया था. पिछोला झील के आसपास महल, संगमरमर के मंदिर, हवेलियां, स्नान घाट और चबूतरे हैं. जो सदियों पहले बनाए गए थे. लेक पैलेस या जग निवास, मोहन मंदिर और जग मंदिर पैलेस इनमें से कुछ प्रसिद्ध जगह हैं.