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मित्तल कॉलोनी की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने ठोंका दावा, जिला कलक्टर को दिया ज्ञापन

धौलपुर में मित्तल कॉलोनी की समूची जमीन पर जिला वक्फ कमेटी धौलपुर ने दावा ठोंका है. कमेटी ने कहा है कि नगर स्थापना के बाद शासक ने जमीन मुस्लिम संप्रदाय को मृत व्यक्तियों को दफनाने के लिए दान में दी थी.  तभी से मुस्लिम संप्रदाय के लोग मृतकों के पार्थिव शरीरों को मित्तल कॉलोनी की जमीन पर दफना रहे थे. बीच में जमीन पर खेतिहार मजदूर खेती करने लगे और मुस्लिम संप्रदाय के लोग आगे जाकर मृत शरीरों को दफनाने लगे. 

मित्तल कॉलोनी की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने ठोंका दावा, जिला कलक्टर को दिया ज्ञापन

धौलपुर में मित्तल कॉलोनी की समूची जमीन पर जिला वक्फ कमेटी धौलपुर ने दावा ठोंका है. कमेटी ने कहा है कि नगर स्थापना के बाद शासक ने जमीन मुस्लिम संप्रदाय को मृत व्यक्तियों को दफनाने के लिए दान में दी थी.  तभी से मुस्लिम संप्रदाय के लोग मृतकों के पार्थिव शरीरों को मित्तल कॉलोनी की जमीन पर दफना रहे थे. बीच में जमीन पर खेतिहार मजदूर खेती करने लगे और मुस्लिम संप्रदाय के लोग आगे जाकर मृत शरीरों को दफनाने लगे.

जिला कलक्टर को सौंपा गया ज्ञापन

इस संबंध में कमेटी के जिला अध्यक्ष मुन्ना फय्याज की सहमति के बाद हज कमेटी के जिलाध्यक्ष अजमेरी उस्मानी ने जिला कलक्टर श्रीनिधि बीटी को ज्ञापन दिया है. वहीं जिला कलक्टर ने भी तुरंत तहसीलदार (भू.अ.) धर्मसिंह को तलब कर मौके की स्थिति का जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
ज्ञापन देने वालों में हबीब खान, सद्दीक मास्टर, एडवोकेट सत्तार खान, एडवोकेट मजीदखान, हाजी कल्लू खान, युवा समाजसेवी आसिफ उस्मानी शामिल थे। ज्ञापन में कहा गया है कि मित्तल कॉलोनी की जमीन में वर्षों पुरानी कब्रें निकल रही हैं. इसके अलावा वहां पुरानी दरगाह है, जिससे प्रतीत होता है कि मित्तल कॉलोनी की जमीन बाई नेचर और बाई ऊसर वक्फ संपत्ति है. वक्फ अधिनियम के अनुसार जमीन इंतजामिया वक्फ कमेटी को सौंपी जाए.

70 हजार करोड़ की है जमीन

एक अनुमान के मुताबिक मित्तल कॉलोनी की जमीन की कीमत बाजार दर से करीब 70 हजार करोड़ रुपए है.  अब तक मिले सबूतों से स्पष्ट है कि मित्तल कॉलोनी की जमीन कब्रिस्तान की है. मुस्लिम संप्रदाय के उम्रदराज लोग भी जमीन को कब्रिस्तान की ही बताते हैं, लेकिन रेवेन्यू रिकार्ड में जमीन कब्रिस्तान के नाम से दर्ज नहीं है. भू कारोबारी मित्तल ने इसी का लाभ उठाते हुए मौके पर बैठे किसानों से जमीन खरीद ली और आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों में तब्दील कर बेंच दी. जमीन को लेकर कई बार आपत्ति भी दर्ज कराई गई. लेकिन शिक्षा और जागरूकता के अभाव में भू कारोबारी सरकारी जमीन को खुर्दबुद करता रहा.        

रिपोर्ट- दीपू वर्मा