मोदी सरकार 3.0 में राजस्थान की कितनी होगी हिस्सेदारी, एक राजपूत और दलित नेता को मिल सकता मौका
जयपुर ब्यूरो, दिल्ली में एनडीए की संसदीय दल की बैठक के बाद मोदी सरकार 3.0 का रास्ता साफ हो गया है. इसके साथ ही राजस्थान में भी सियासत गरमा गई है. बीजेपी में कई नेता केंद्रीय मंत्री की दावेदारी पेश कर रहे है.
दिल्ली में एनडीए दल के सभी नेताओं ने मिलकर नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना. 9 जून को पीएम मोदी प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ले सकते है. इसके साथ राजस्थान में भी बीजेपी नेताओं ने कैंबिनेट मंत्री को लेकर अपनी दावेदारी पेश करने लगे है. इस बार चुनाव में बीजेपी की 11 सीटें कम हो गई. लेकिन मंत्री बनने के लिए कई नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार राजस्थान से एक राजपूत और दलित नेता को मोदी को मंत्री मंडल में जगह मिल सकती है.वहीं अर्जुनराम मेघवाल और भूपेंद्र यादव मंत्री पद के लिए रिपीट हो सकते हैं.
इन नेताओं को मिल सकता है मौका
राजस्थान ने इस बार सरकार में दो-तीन नेताओं के ही मंत्री बनने की संभावना है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो सियासी समीकरणों को साधने के लिए राजस्थान से कुछ चेहरे रिपीट हो सकते हैं.
अर्जुन मेघवाल की प्रमुख दलित चेहरे के तौर पर दावेदारी
अर्जुन मेघवाल को मोदी की कैबिनेट में दोबारा जगह मिल सकती है. वह मारवाड़ और नहरी क्षेत्र के प्रमुख दलित नेता चेहरों में से एक है. दलित समाज को साधने के लिए बीजेपी इनको कैबिमेट मे जगह दे सकता है. क्योकिं राजस्थान में बीजेपी के पूरे प्रदर्शन की एक वजह दलित वोटों झटकना भी है. ऐसे में बड़े क्षेत्र में दलित वर्ग को मैसेज देने के लिए अर्जुनराम मेघवाल की वापसी संभव है.
भूपेंद्र यादव को फिर बन सकते है मंत्री
मोदी सरकार में इस बार भूपेंद्र यादव को दोबारा मंत्री पद दिया जा सकता है. वह पहली बार अलवर से लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बने है. इससे पहले वह लगातार राज्यसभा से सांसद बन है. पीएम मोदी और अमित शाह के नजदीकी हैं. ये अच्छे रणनीतिकार और साइलेंट वर्कर हैं. भूपेंद्र यादव पैतृक गांव हरियाणा के गुरूग्राम में है. इनकी पढ़ाई राजस्थान के अजमेर में हुई है. इस साल के अंत में हरियाणा में विधानसभा चुनाव है. जहां वोटरों को मैसेज देने के लिए भूपेंद्र यादव को मंत्री बनाया जा सकता है.
राजपूत नेताओं में से एक मिल सकती है जगह
गजेंद्र सिंह शेखावत भी तीसरी बार सांसद जीतकर मंत्री पद के दावेदार हैं. हालांकि राजस्थान से बहुत ज्यादा मंत्री बनाए जाने की संभावना नहीं है. गजेंद्र सिंह मोदी-शाह के नजदीकी होने के साथ सीमावर्ती इलाकों में अच्छा होल्ड रखते हैं. उनकी गिनती बीजेपी में राजपूत समाज से आने वाले सौम्य छवि के नेताओं में होती है. इनके अलावा राजस्थान से राजपूत समाज के तीन बीजेपी सासंद जीते हैं, सबकी अच्छी प्रोफाइल हैं. ऐसे में यहां सबसे ज्यादा कॉम्पिटिशन है. गजेंद्र सिंह शेखावत, राव राजेंद्र सिंह, महिमा कुमारी मेवाड़ में से एक का मंत्री बनना लगभग तय है.
ओम बिरला में सबकी निगाहें
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के ऊपर सबकी निगाहें जमी हुई है. स्पीकर जैसे संवैधानिक पद पर रहने के तुरंत बाद मंत्री बनाए जाने की संभावना कम है, लेकिन लोकसभा स्पीकर रहे कई नेता मंत्री बने हैं.