Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

Rinku Singh Struggle Story: जब जीती बाइक, तब शुरु हुआ करियर, वर्ना ‘सिक्सर किंग’ को थमाई गई थी पोछा लगाने की जॉब!

Rinku Singh Struggle Story: रिंकू सिंह ने आगे कहा कि पापा नहीं खेलने देते थे, पापा बहुत मारते थे। मेरा भाई कोचिंग सेंटर में काम करता है, तो वह मुझे जॉब के लिए लेकर गया था। मुझे पोंछा लगाने की जॉब दी जा रही थी। बोल रहे थे कि सुबह-सुबह करके निकल जाना किसी को पता भी नहीं चलेगा। 

1/7

Rinku Singh Struggle Story: आमिर खान की फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार की काफी फेमस डायलॉग है न कि ‘टैलेंटेड बच्चे होते हैं न बुलबुले की तरह हैं, वो अपने आप ऊपर आ जाते हैं, उन्हें कोई नहीं रोक सकता’। हम गरीब घर से निकले बच्चों की कहानी पढ़ते हैं, जो अपने दम पर, अपने टैंलेट के दम पर देश-दुनिया में नाम कमां रहे हैं। तब ये डायलॉग याद आ जाता है, तो चलिए आज हम आपको उत्तर प्रदेश के एक खिलाड़ी, जोकि अब परिचय का मोहताज नहीं है, उनके स्ट्रगल के बारे में कुछ बाते बतातें हैं, जो उन्होंने खुद ही कहीं हैं।

2/7

हम बात कर रहे हैं रिंकू सिंह की। रिंकू सिंह आईपीएल 2023 से पहले भी चर्चा में रहे हैं, लेकिन वो साल 2023 में सुर्खियां में आ गए। कारण था, उन्होंने टूर्नामेंट में गुजरात टाइटंस के खिलाफ एक मैच में आखिरी ओवर में लगातार 5 छक्के लगाकर टीम को जीत दिलाई थी।

3/7

फिर क्या था, रिंकू सिंह तमाम क्रिकेट फैंस की नजरों में चढ़ गए। उनकी बल्ले से पारियों में एक से एक बेहतरीन शॉट निकलते। जिसके बाद रिंकू सिंह के लिए टीम इंडिया के दरवाज़े खुल गए। अब वो भारतीय टी20 टीम के लगभग पक्के सदस्य बन चुके हैं। लेकिन रिंकू के लिए यहां तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं था। वह एक गरीब परिवार से आते हैं।

4/7

क्रिकेटर रिंकू सिंह के पिता खानचंद्र सिंह एलपीजी सिलेंडर की डिलीवरी करने का काम करते थे। उनके घर की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी। पिता खानचंद्र सिंह बेटे रिंकू के क्रिकेट खेलने के बिल्कुल खिलाफ थे। रिंकू अक्सर पिता से छुपकर क्रिकेट खेला करते थे। हालांकि, भारतीय बल्लेबाज़ की मां उन्हें सपोर्ट करती थीं। रिंकू ने अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए बताया था कि एक वक़्त पर वह उधार पैसे लेकर टूर्नामेंट खेलने गए थे। उन्हें उधार पैसे उनकी मां ने एक दुकान से दिलवाए थे।

5/7

रिंकू ने आकाश चोपड़ा संग बातचीत में अपनी स्ट्रगल स्टोरी बताई, उन्होंने कहा कि "पापा नहीं सपोर्ट करते थे, मां थोड़ा बहुत करती थी। मैं पहली बार कानपुर गया था हॉस्टल का टूर्नामेंट खेलने, तो मां ने बराबर की एक दुकान से मांग कर एक हज़ार रुपये दिए थे।"

 

6/7

रिंकू सिंह ने आगे कहा कि पापा नहीं खेलने देते थे, पापा बहुत मारते थे। मेरा भाई कोचिंग सेंटर में काम करता है, तो वह मुझे जॉब के लिए लेकर गया था। मुझे पोंछा लगाने की जॉब दी जा रही थी। बोल रहे थे कि सुबह-सुबह करके निकल जाना किसी को पता भी नहीं चलेगा। साल 2012 में स्कूल का एक टूर्नामेंट हुआ था, जिसमें श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश और दुबई से टीमें आई थीं। उसमें मैं मैन ऑफ द टूर्नामेंट था और मुझे बाइक मिली थी। वहां से मेरा क्रिकेट शुरू हुआ था।

7/7

इसके बाद रिंकू सिंह से जब आकाश चोपड़ा ने पूछा कि जब ऑक्शन में उन्हें 80 लाख रुपए में खरीदा गया, इसपर परिवार का क्या रिएक्शन था। तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि "मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं इतने में जाऊंगा. घर वाले काफी खुश थे. उसी से घर बनवाया था।" रिंकू सिंह अब भारतीय टी-20 टीम का हिस्सा हैं, साथ ही आईपीएल में उनके बल्ले से शानदार पारियां निकलती हैं। फैंस रिंकू सिंह का पारियों का काफी इंजॉय करते हैं।