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क्या है मेरठ सीट का हाल? रामायण के राम कितना करेंगे कमाल? मेरठ में 'रामराज' बनाम PDA, सपा की सुनीता वर्मा पड़ेंगी भारी?

लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है मेरठ में इस बार का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय हैयहां एक तरफ बीजेपी ने रामायण धारावाहिक में राम का किरदार निभा चुके अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाया हैवहीं, दूसरी ओर गठबंधन ने पूर्व मेयर सुनीता वर्मा को मैदान में उतारा है वहीं, बसपा ने भी बीजेपी से नाराज चल रहे त्यागी समाज के देवव्रत त्यागी को मेरठ से प्रत्याशी बनाकर दलित, मुस्लिम, त्यागी समाज में पैठ बनाने की कोशिश की है

क्या है मेरठ सीट का हाल? रामायण के राम कितना करेंगे कमाल? मेरठ में 'रामराज' बनाम PDA, सपा की सुनीता वर्मा पड़ेंगी भारी?

मेरठ लोकसभा सीट की जंग

लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। मेरठ में इस बार का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय है। यहां एक तरफ बीजेपी ने रामायण धारावाहिक में राम का किरदार निभा चुके अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, दूसरी ओर गठबंधन ने पूर्व मेयर सुनीता वर्मा को मैदान में उतारा है। वहीं, बसपा ने भी बीजेपी से नाराज चल रहे त्यागी समाज के देवव्रत त्यागी को मेरठ से प्रत्याशी बनाकर दलित, मुस्लिम, त्यागी समाज में पैठ बनाने की कोशिश की है।

बता दें 2009 के बाद से मेरठ-हापुड लोकसभा सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा रहा है। बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल 2009 में मेरठ-हापुड लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। उसके बाद से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है।लोकसभा चुनााव 2024 में चौथी बार चुनाव जीतकर भाजपा एक बार फिर से भगवा फहराने की कोशिश करेगी।

मेरठ में कांग्रेस का सुनहरा अतीत

1952 में देश की पहली लोकसभा के लिए हुए चुनाव में मेरठ को 3लोकसभा क्षेत्रों में बांटा गया था। मेरठ जिला (पश्चिम), मेरठ जिला (दक्षिण), मेरठ जिला (उत्तर पूर्व)। इन तीनों ही सीट पर कांग्रेस की जीत हुई थी। इनमें मेरठ पश्चिम सीट से खुशी राम शर्मा, मेरठ दक्षिण सीट से कृष्णचंद्र शर्मा और मेरठ उत्तर-पूर्व सीट से शाहनवाज खान सांसद बने। 1957 में तीनों लोकसभा सीटों को एक कर मेरठ लोकसभा सीट का गठन किया गया था। कांग्रेस ने इस चुनाव में शाहनवाज खान को फिर से चुनागया है।

बीजेपी का दबदबा

1980 में कांग्रेस ने नई उम्मीदवार मोहसिना किदवई को मेरठ सीट से उतारा। 1980 और 1984 में लगातार दो बार मोहसिना यहां से सांसद चुनी गईं।1989 में मोहसिना हार गईं। 1991 में बीजेपी ने अमर पाल सिंह को उतारा।वह 1991, 1996 और 1998 में लगातार तीन बार सांसद भी चुने गए।

मेरठ का सियासी समीकरण क्या है?

मेरठ-हापुड़ सीट पर मुस्लिम वोटर्स की बड़ी भूमिका रहती है। यहां मुसलमानों का बड़ा तबका रहता है। दलितों की भी बड़ी आबादी रहती है। 2011 के आंकड़ों के अनुसार, मेरठ की आबादी करीब 35 लाख है। इनमें 65फीसदी हिंदू, 36 फीसदी मुस्लिम आबादी हैं। इनमें किठौर, मेरठ कैंट, मेरठ शहर, मेरठ दक्षिण और हापुड़ की सीट है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का केंद्र और क्रांतिधरा भूमि माने जाने वाली मेरठ लोकसभा सीट राजनीतिक संदेश के हिसाब से अहम सीट मानी जाती है।

मेरठ का जाति समीकरण

मुस्लिम​​  -​  6 लाख

जाटव​​  -  3।15 लाख

बाल्मिकि​  -  ​59 हजार

ब्राह्मण-वैश्य​  -​  त्याग की बड़ी तादात

गुर्जर​​-​सैनी  -  बड़ा दखल

अब देखना होगा 2024 के लोकसभा चुनाव में मेऱठ में किसकी होगी जीत।