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बीजेपी ने दुनिया की 25 पार्टियों को भेजा न्योता... लेकिन इन देशों को रखा लिस्ट से बाहर

लोकसभा चुनाव इस बार होने वाला है ऐतिहासिक। भारत के इस बार के चुनाव पर दुनिया की नजर। 97 करोड़ वोटर इस बार मतदान करेंगे। वही चुनाव आयोग भी मतदान के लिए पूरी तरह से तैयार है। तो वही राजनीतिक पार्टीयां भी अपनी पूरी तैयारी के साथ मैदान में है। तो वही विदेशी पार्टियां भारतीय चुनावी प्रक्रिया को समझने के लिए भारत आ रही हैं। चुनावी महाकुंभ में भाजपा ने 25 पार्टियों को न्योता भेजा है लेकिन इसमें अमेरिका की पार्टियों को नहीं बुलाया गया है। चीन और पाकिस्तान की भी पार्टियों को न्योता नहीं गया है।

बीजेपी ने दुनिया की 25 पार्टियों को भेजा न्योता... लेकिन इन देशों को रखा लिस्ट से बाहर

लोकसभा चुनाव इस बार होने वाला है ऐतिहासिक। भारत के इस बार के चुनाव पर दुनिया की नजर। 97 करोड़ वोटर इस बार मतदान करेंगे। वही चुनाव आयोग भी मतदान के लिए पूरी तरह से तैयार है। तो वही राजनीतिक पार्टीयां भी अपनी पूरी तैयारी के साथ मैदान में है। तो वही विदेशी पार्टियां भारतीय चुनावी प्रक्रिया को समझने के लिए भारत आ रही हैं। चुनावी महाकुंभ में भाजपा ने 25 पार्टियों को न्योता भेजा है लेकिन इसमें अमेरिका की पार्टियों को नहीं बुलाया गया है। चीन और पाकिस्तान की भी पार्टियों को न्योता नहीं गया है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग को बस 5 दिन ही बचे हैं। इसके साथ ही चुनावी महाकुंभ शुरू हो जाएगा। इस बार के चुनाव को देखने के लिए कई देशों के राजनीतिक दलों को भारत आने का न्योता दिया गया है। यह न्योता भारतीय जनता पार्टी ने दिया है। दुनियाभर से करीब 25 पार्टियों को बुलावा भेजा गया है। भाजपा यह दिखाना चाहती है कि भारत में चुनाव कितने बड़े स्तर पर होते हैं और पार्टी चुनाव प्रचार कैसे करती है। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, 13 देशों की पार्टियों ने अब तक भारत आने की बात कबूल की है। भाजपा जल्द बताएगी कि कौन-कौन सी पार्टियां भारत आ रही हैं।

अमेरिकी पार्टियों को निमंत्रण नहीं

गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिका की दो बड़ी पार्टियों, सत्ताधारी डेमोक्रेट्स और विपक्षी रिपब्लिकन को बुलावा नहीं दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने इसकी वजह बताई है। उनका कहना है, 'पहली बात तो यह है कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले हैं, इसके चलते वहां व्यस्तता है। दूसरी बात यह है कि अमेरिका की पार्टियां भारत या यूरोप के कुछ देशों की पार्टियों की तरह काम नहीं करतीं। उदाहरण के लिए, अमेरिका में पार्टी में काम करने वाले शख्स को शायद ये भी न पता हो कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष कौन हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका में सिर्फ राष्ट्रपति या यूएस कांग्रेस का पद ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है ।

वही 543 सीटों के लिए चुनाव सात फेज में होगा। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे। वोटिंग से लेकर नतीजे तक इसमें 46 दिन लगेंगे। लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी जारी कर दी गई हैं। ओडिशा में 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी। बाकी तीन राज्यों में एक फेज में चुनाव होंगे। अरुणाचल और सिक्किम में 19 अप्रैल, आंध्र प्रदेश में 13 मई को वोट डाले जाएंगे। इलेक्शन शेड्यूल में सीटों की संख्या 543 से बढ़कर 544 सीटें हो गई है। इसकी वजह मणिपुर की आउटर मणिपुर लोकसभा सीट है। इस लोकसभा सीट में 28 विधानसभा सीटें है। 15 विधानसभा सीटों में 19 अप्रैल को और 13 विधानसभा सीटों में 26 अप्रैल को मतदान होगा।

इन लोकसभा चुनावों में कुल 96।8 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 49।7 करोड़, महिला मतदाताओं की संख्या 47।1 करोड़ और ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 48,000 है। कुल मतदाताओं की संख्या यूरोप के सभी देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। भारत की तुलना में अमेरिका में 16।8 करोड़, मैक्सिको में 9।8 करोड़, पाकिस्तान में 12।8 करोड़, रूस में 11।4 करोड़ और बांग्लादेश में 20।4 करोड़ मतदाता हैं।

देश में बनाए जाएंगे 10।5 लाख मतदान केंद्र

चुनाव के लिए देश भर में 10।5 लाख मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं। चुनाव आयोग मतदान के लिए पूरी तरह से तैयार है और उन्होंने सभी वोटर्स से वोट डालने की अपील की। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव को इस तरह से करवाने का वादा करता है। जिससे वैश्विक मंच पर भारत की साख और बढ़ सके। चुनाव आयोग ने सभी राज्यों में मूल्यांकन के बाद स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का वादा किया।

लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयार है। वही चुनाव आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। फर्जी वोट न पड़े उसके लिए भी चुनाव आयोग ने खासा इंतजाम किया है। इस बार का लोकसभा चुनाव हर मायने में खास, सुरक्षा से लेकर नए मतदाताओं को लेकर बड़े इंतजाम। अब देखना होगा की 24 के चुनाव में चुनाव आयोग की तैयारी कितनी सफल होती है।