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योग गुरु रामदेव की याचिका पर SC में हुई सुनवाई, एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ की थी टिप्पणी का मामला

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव की एक याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर दर्ज कई FIR में कार्यवाही रोकने की मांग की थी

योग गुरु रामदेव की याचिका पर SC में हुई सुनवाई, एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ की थी टिप्पणी का मामला

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव की एक याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर दर्ज कई FIR में कार्यवाही रोकने की मांग की थी

योग गुरु रामदेव की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने बाबा रामदेव से शिकायतकर्ताओं को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है इन पक्षकारों में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का पटना और रायपुर चैप्टर शामिल हैसाथ ही विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर को एक साथ जोड़ने के लिए कहा है दरअसल, IMA के दोनों चैप्टर ने 2021 में बाबा रामदेव के खिलाफ FIR की थी जिसको लेकर बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख कोर्ट के समर वेकेशन खत्म होने के बाद 20 मई तय की है वहीं रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ IMA की याचिका पर पहले से सुनवाई जारी है जिसमें जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन की बेंच ने उन्हें 7 दिन का समय दिया है इस मामले में अगले सुनवाई 23 अप्रैल को होगी

कैसे शुरू हुआ विवाद ?

योग गुरू बाबा रामदेव पर कई FIR दर्ज हैं2021 में बाबा रामदेव के खिलाफ FIR दर्ज हुई थीIMA ने 17 अगस्त 2022 को याचिका दायर की थी। बाबा रामदेव ने वैक्सीन और एलोपैथी के खिलाफ गलत प्रचार किया थाSC ने शिकायतकर्ताओं को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया20 मई को मामले पर SC फिर से सुनवाई करेगा

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट पहले से ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ गलत प्रचार किया वहीं, खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया 16 अप्रैल की सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच के सामने बाबा रामदेव और बालकृष्ण तीसरी बार पेश हुए इस दौरान बाबा रामदेव ने कहा था कि काम के उत्साह में ऐसा हो गया लेकिन कोर्ट ने उनसे कहा- आप इतने मासूम नहीं हैं लग नहीं रहा कि आपका हृदय परिवर्तन हुआ है

कोई भी मेरा कुछ नहीं कर सकता बाबा रामदेव

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व IMA उपाध्यक्ष डॉ. जयेश लेले और पूर्व IMA अध्यक्ष डॉ. रंजन शर्मा ने बताया है कि आखिर IMA ने पतंजलि आयुर्वेद को कोर्ट में क्यों घसीटा है एक रिपोर्ट के मुताबिक रामदेव के पास कई नोटिस गए थे लेकिन वे कहते थे कि कोई भी उनका कुछ नहीं कर सकता उन्हें शुद्ध राजनीतिक संरक्षण था ऐसा कोई राज्य बाकी नहीं है,जहां उन्हें जमीन न दी गई हो ये मंजूरी एक दिन में नहीं मिलती

IMA ने बाबा को SC में क्यों घसीटा?

डॉ. शर्मा ने कहा- जब हम कोविड से लड़ रहे थे, तो रामदेव ने वैज्ञानिक चिकित्सा का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया जब हम अपने 800 सहकर्मियों की मौत पर शोक मना रहे थे तब वह कहते रहे कि जो डॉक्टर खुद को नहीं बचा सके, वे जनता को नहीं बचा सकते

वहीं डॉ. लेले ने बताया- जल्द ही, कोरोनिल का लॉन्च हुआजिसे पतंजलि ने गलत तरीके से कोविड के इलाज के रूप में प्रचारित किया उनका दावा था WHO ने इसे सर्टिफाइ किया है हमने RTI के जरिए इस दावे का खंडन किया

दोनों डॉक्टरों ने यह भी कहा कि पहले FIR के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की गई और कई सरकारी निकायों से हस्तक्षेप करने को कहा गयालेकिन मामले पर कोई एक्शन नहीं हुआ इसलिए उन्हें कोर्ट में घसीटा गया