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Success Story: ठान लो तो कदम चूमती है कामयाबी, कैसे पहुंची जेड ब्लैक अगरबत्ती भारत के घर-घर तक

एक कहावत है कि अगर ठान लो तो मुश्किल कुछ भी नहीं. अगर हौसला है और रिस्क लेने की ताकत है तो कामयाबी एक न एक दिन आपके कदम जरूर चूमेगी.

Success Story: ठान लो तो कदम चूमती है कामयाबी, कैसे पहुंची जेड ब्लैक अगरबत्ती भारत के घर-घर तक

एक कहावत है कि अगर ठान लो तो मुश्किल कुछ भी नहीं. अगर हौसला है और रिस्क लेने की ताकत है तो कामयाबी एक न एक दिन आपके कदम जरूर चूमेगी. बस इसी कहावत को सच कर के दिखाया है. प्रकाश अग्रवाल ने. जो जेड ब्लैक ब्लैक अगरबत्ती बनाने वाली कंपनी मैसूर दीप परफ्यूमरी हाउस (MDPH) के फाउंडर हैं.

पिता के बिजनेस की जगह खुद के रास्ते चुने
प्रकाश अग्रवाल जो आज देश के टॉप बिजनेसमैन्स में जाना माना नाम हैं. उन्होंने अपने पिता के जमे हुए बिजनेस को छोड़कर अपना कारोबार शुरू किया. वह भी तब जब उनके पास बहुत ज्यादा पूंजी नहीं थी. लेकिन रिस्क लिया और कामयाबी भी मिली. प्रकाश अग्रवाल के बिजनेस का सालाना टर्नओवर 650 करोड़ रुपये है. इंदौर के रहने वाले प्रकाश अग्रवाल जेड ब्लैक अगरबत्ती बनाने वाली कंपनी मैसूर दीप परफ्यूमरी हाउस (MDPH) के फाउंडर हैं.

तीन भाइयों में प्रकाश सबसे बड़े हैं. इंदौर में उनकी पुश्तैनी किराना की दुकान थी, लेकिन प्रकाश को अपने पिता की दुकान पर बैठना पसंद नहीं था. वह कारोबार करना चाहते थे. लेकिन पैसे न होने की वजह से इस बात की चिंता रहती थी कि वह अपना प्रोडक्ट कैसे बनाएं.

मां की सलाह आई काम
80 के दौर में प्रकाश ने कम पैसे में कई कारोबार में जैसे शैंपू, नहाने का साबुन, कपड़े धाने का साबुन, हेयरऑइल में कदम रखा. किस्मत ने साथ नहीं दिया और कोई भी बिजनेस नहीं चल पाया. कपड़े की दुकान पर सेल्समैन का काम भी उन्होंने किया. उनकी मां ने उन्हें सुझाव देते हुए कहा कि वह बेंगलुरु में किसी बड़े ब्रांड की अगरबत्ती की एजेंसी लेकर उसे इंदौर में बेचें.

1992 में की नई शुरूआत
प्रकाश अग्रवाल ने इंदौर में अपने गैरेज से 1992 में मैसूर दीप परफ्यूमरी हाउस (MDPH) की नींव रखी और ‘पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण’ के नाम से मार्केट में पहली अगरबत्ती लॉन्च की. अगरबत्ती लोगों को काफी पसंद आई.

साल 2000 में ‘जेड ब्लैक’ लॉन्च
साल 2000 में प्रकाश ने ‘जेड ब्लैक’ नाम से अगरबत्ती की प्रीमियम रेंज लॉन्च की. अगरबत्ती ने मार्केट में आते ही धूम मचा दी. सप्लाई के लिए देश के दूसरे हिस्सों से प्रकाश अग्रवाल को फोन आने लगे और कुछ ही समय में यह प्रोडक्ट देशभर में छा गया.

2003 में झटका लगा
प्रकाश को पहला ही झटका लगा 2003 में. उस समय उनकी नई फैक्ट्री में आग लग गई. फैक्ट्री में अगरबत्तियां रखी होने के कारण आग ने विकराल रूप ले लिया. फैक्ट्री लगभग पूरी तरह राख हो गई. नतीजा यह हुआ कि उन्होंने फिर से जगह किराए पर ली और नए सिरे से शुरुआत की.

कई फेमस स्टार हैं ब्रांड एम्बेसडर
जेड ब्लैक के महेंद्र सिंह धोनी और ऋतिक रोशन जैसे स्टार ब्रांड एम्बेसडर रह चुके हैं. जेड ब्लैक अगरबत्ती के टीवी पर आने वाले विज्ञापन में इसकी टैग लाइन है ‘प्रार्थना होगी स्वीकार’. इस वक्त कंपनी अगरबत्ती ,धूपबत्ती, खाने वाला तेल, हैंड सैनिटाइजर, हैंड वॉश, पैकेज्ड चाय, प्राकृतिक हेयर कलर आदि चीजें भी बना रही है. रोजाना कंपनी अगरबत्तियों के 15 लाख पैकेट बेंचती है. वर्ष 2022-23 में कंपनी का सालाना टर्नओवर 650 करोड़ रुपये रहा.