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भगवान श्री राम ने नहीं लगाया भाजपा का बेड़ा पार, जानिए आखिर कहां रह गई कमी?

उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में बीजेपी के लिये सबसे खास सीट अयोध्या की थी। क्योकिं इस बार बीजेपी के पास सबसे बड़ा मुद्दा था राम मंदिर का। इस मुद्दे से इंडिया गठबंधन को भी डर था की इस सीट से वो जीत हासिल करने में बहुत दूर है। लेकिन इन सबके बावजूद जो नतीजे सामने आयें वो बेहद ही चौकनें वाले रहे।

भगवान श्री राम ने नहीं लगाया भाजपा का बेड़ा पार, जानिए आखिर कहां रह गई कमी?

भव्य राम मंदिर निर्माण, भव्य हवाई अड्डा, तमाम बड़े विकास प्रोजेक्ट सब धरे के धरे रह गये। क्योंकि ऐड़ी-चोटी का जोर लगाने के बावजूद भी बीजेपी फेल साबित हुई। बीजेपी की ये हार काफी चौकानें वाली रही क्योंकि किसी को भी ये अंदाजा नहीं था की बीजेपी हजारों लाखों कोशिशों के बाद भी हार सकती है।

अयोध्या में बीजेपी की हार की पहली बड़ी वजह

जानकारों का कहना है की अयोध्या में जातिगत समीकरण और विकास के लिए जिस तरह से जमीनों का अधिग्रहण किया गया, उसे लेकर जनता में काफी नाराजगी रही. इसके साथ ही कांग्रेस का आरक्षण और संविधान का मुद्दा काम कर गया. इसके अलावा बसपा का कमजोर होना और उसका वोट बैंक एकतरफा इंडिया गठबंधन की तरफ शिफ्ट होना बड़ी वजह रही।

रामलला की नगरी में बीजेपी की हार की दूसरी बड़ी वजह

राम की नगरी अयोध्या में बीजेपी की हार की दूसरी सबसे बड़ी वजह यह रही कि कांग्रेस और सपा गठबंधन जो कि 2017 विधानसभा चुनाव में सफल नहीं रहा था, इस बार लोकसभा चुनाव में काम कर गया. मुस्लिम वोट एकजुट होकर इंडी गठबंधन के पक्ष में गया. वहीं जिस हिंदू वोट के सहारे बीजेपी को जीत मिल रही थी, इंडी गठबंधन उसे बांटने में कामयाब रही. बसपा का दलित वोट, ओबीसी और ब्राह्मण व ठाकुर वोटों की नाराजगी भी एक वजह रही, जिसकी वजह से बीजेपी को बड़ा झटका लगा. इसके अलावा महंगाई और बेरोजगार का मुद्दा भी काम करता दिखा.