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महाराष्ट्र सरकार गठन में देरी पर विपक्ष का हमला, 8 दिन बाद भी नहीं मिला मुख्यमंत्री, पवार बोले- जन आंदोलन की जरूरत

महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद पर सहमति नहीं बन पाई है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है। शरद पवार ने इसे जनादेश का अपमान बताते हुए जन आंदोलन की जरूरत पर बल दिया। वहीं, शिवसेना नेताओं ने महायुति की देरी पर कटाक्ष किया है।

महाराष्ट्र सरकार गठन में देरी पर विपक्ष का हमला, 8 दिन बाद भी नहीं मिला मुख्यमंत्री,  पवार बोले- जन आंदोलन की जरूरत

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के आठ दिन हो चुके हैं, लेकिन महायुति ने अब तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की है। अब इस पर कई तरह की चर्चा की जा रही हैं, और विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी भी सरकार पर निशाना साधने में लगी हुई है। एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि राज्य में जनादेश का सम्मान नहीं हो रहा है, जो कि लोकतंत्र के लिए सही संकेत नहीं है।

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शरद पवार का बयान

NCP नेता शरद पवार ने इस पर कहा, "इतने स्पष्ट बहुमत के बावजूद अब तक सरकार नहीं बन पाई है। इसका मतलब है कि जनता का फैसला महायुति के लिए कोई मायने नहीं रखता।" इसके आगे उन्होंने आरोप लगाया कि इस चुनाव में सत्ता और पैसे का दुरुपयोग हुआ है, जिससे लोगों में असंतोष बढ़ गया है। पवार ने यह भी कहा कि जनता को अब जन आंदोलन के जरिए अपने अधिकारों के लिए खड़ा रहना होगा।

ईवीएम के खिलाफ चला आंदोलन

बता दें कि पुणे में सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आढाव ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) के खिलाफ तीन दिनों का प्रदर्शन शुरू किया है। उन्होंने चुनावों में EVM के इस्तेमाल को धोखाधड़ी बताते हुए उपचुनाव के रिजल्ट पर कई तरह के सवाल उठाए हैं। इस प्रदर्शन के अंतिम दिन शरद पवार उनसे मिलने पहुंचे थे और फिर उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए।

लोकतंत्र पर संकट

शरद पवार ने संसद में विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए ये भी कहा, "संसदीय लोकतंत्र का सही पालन नहीं हो रहा है। जनता जागरूक है और अब समय आ गया है कि वह अपनी बात रखने के लिए आगे आए। बाबा आढाव जैसे आंदोलनों से यह स्पष्ट है कि बदलाव की बुनियाद रखी जा रही है।"

शिवसेना ने किया कटाक्ष

शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने भी महायुति पर निशाना साधते हुए पूछा कि आखिर महायुति को मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेने में देरी क्यों हो रही है। उन्होंने कहा, "बीजेपी की क्या मजबूरी है? 8 दिनों के बाद भी सीएम पद का फैसला नहीं हो सका है।"