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महाराष्ट्र में सीएम का सस्पेंस खत्म होगा आज? महायुति की बड़ी बैठक पर नजरें, गृह और वित्त मंत्रालय पर महासंग्राम

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। एकनाथ शिंदे के सीएम पद की दौड़ से हटने के बाद अब बीजेपी के उम्मीदवार के नाम पर चर्चा तेज हो गई है। वित्त और गृह जैसे अहम मंत्रालयों पर भी खींचतान जारी है। दिल्ली में आज होने वाली हाई-लेवल बैठक में मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री पदों पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

महाराष्ट्र में सीएम का सस्पेंस खत्म होगा आज? महायुति की बड़ी बैठक पर नजरें, गृह और वित्त मंत्रालय पर महासंग्राम

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत के बाद राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम पर अटकलों का दौर जारी है। हालांकि, गुरुवार को इस सस्पेंस से पर्दा उठने की संभावना है। राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खुद सीएम पद की दौड़ से पीछे हटकर बीजेपी के लिए रास्ता साफ कर दिया है। शिंदे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का जो भी फैसला होगा, वह और उनकी पार्टी उसे पूरी तरह से स्वीकार करेंगे।

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महायुति में कोई विवाद नहीं

बीते बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में एकनाथ शिंदे ने महायुति में किसी तरह के विवाद की खबरों को खारिज कर दिया। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी स्थिति साफ करते हुए कहा कि गठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री का चुनाव कैबिनेट की सहमति से होगा। हालांकि, यह स्पष्ट है कि अगला मुख्यमंत्री भाजपा का होगा, लेकिन क्या वह फडणवीस होंगे, यह अभी तय नहीं है।

मंत्रालयों के बंटवारे पर नजर

मुख्यमंत्री पद के साथ-साथ अब चर्चा का केंद्र वित्त, गृह और सामान्य प्रशासन जैसे प्रमुख मंत्रालय बन गए हैं। सूत्रों के अनुसार, महायुति ने 21-12-10 फॉर्मूला तैयार किया है, जिसमें बीजेपी को 21, शिंदे गुट को 12 और अजित पवार गुट को 10 मंत्री पद मिलने की संभावना है। वित्त मंत्रालय को लेकर बीजेपी और अजित पवार गुट के बीच रस्साकशी चल रही है।

वित्त मंत्रालय की अहमियत

पिछले कार्यकाल में अजित पवार के पास वित्त मंत्रालय था, जिसके माध्यम से उन्होंने अपने खेमे के विधायकों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का काम किया। इस बार बीजेपी वित्त मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है ताकि लाडकी बहन योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। यह योजना चुनावी वादों में अहम थी, जिसमें योग्य महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये देने का वादा किया गया है।

गृह मंत्रालय पर भी बीजेपी की नजर

गृह मंत्रालय का महत्व भी कम नहीं है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ राजनीतिक प्रभाव स्थापित करने के लिए यह मंत्रालय अहम भूमिका निभाता है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी गृह मंत्रालय को भी अपने पास रखना चाहती है।

दिल्ली में अहम बैठक

गुरुवार को दिल्ली में एक हाई-लेवल बैठक आयोजित की गई है, जिसमें अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल जैसे वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री और अन्य प्रमुख मंत्री पदों पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है। पूरे राज्य की नजरें इस बैठक पर टिकी हुई हैं, क्योंकि यही फैसले महायुति सरकार के अगले कार्यकाल की दिशा तय करेंगे।