बेहाल गर्मी से मिलेगा आराम, नाहरगढ़ में जानवरों-पक्षियों के लिए सत्तू से लेकर कूलर तक की व्यवस्था
राजस्थान की राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ने जानवरों और पक्षियों को इस भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए नए आइडिया का ईजाद किया है। जानवरों को पार्क में तपती धूप से बचाने के लिए कूलर, पानी के छींटे, तरबूज, ककड़ी जैसे गर्मियों के मौसमी फल, ठंडा दूध और 'सत्तू' जैसे पेय, और आइसक्रीम की व्यवस्था की गई है। जरुरत के हिसाब से इसमें बदलाव भी किया जाएगा।
इस बेहाल गर्मी से निपटने के लिए हम कूलर, एसी, ठंडी चीजें जैसे तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। लेकिन उन बेजुबान जानवरों को क्या? कितनी ही बार हमारे मन में भी ये बात आती है, तो आपको जयपुर के नाहरगढ़ की ये खबर जानकर राहत मिलेगी।
जानवरों और पक्षियों को भीषण गर्मी से बचाने के किए उपाय
राजस्थान की राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ने जानवरों और पक्षियों को इस भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए नए आइडिया का ईजाद किया है। जानवरों को पार्क में तपती धूप से बचाने के लिए कूलर, पानी के छींटे, तरबूज, ककड़ी जैसे गर्मियों के मौसमी फल, ठंडा दूध और 'सत्तू' जैसे पेय, और आइसक्रीम की व्यवस्था की गई है। जरुरत के हिसाब से इसमें बदलाव भी किया जाएगा।
बाघों के लिए इंतजाम
वहीं बाघों की कम होती संख्या को देखते हुए उनके लिए भी इंतजान किए गए हैं। बाघों को ठंडा दूध दिया जा रहा जाएगा, भालुओं को आइसक्रीम, सत्तू और शहद खिलाया जा रहा है। इसी के साथ ही हिरण, हिप्पो और चीतल के खानें में तरबूज, खरबूज और ककड़ी जैसी चीजें शामिल की गई हैं। साथ ही गर्म हवा यानी कि लू से जानवरों को बचाने के लिए भी इंतजाम किए गए हैं।
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के रेंजर जगदीश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 'जानवरों को लू से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। हम उनके लिए ग्रीन नेट और स्प्रिंकलर लगा रहे हैं। हम वाटर कूलर और शेड्स की व्यवस्था भी कर रहे हैं और उनके शरीर के तापमान को बनाए रखने और उनकी प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए उनके आहार का विशेष ध्यान रख रहे हैं।'
आगे उन्होंने कहा कि हम जानवरों के आहार पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। जानवरों के शरीर के तापमान और प्रतिरक्षा स्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए, हम भालू को फल, ताजे फल, शहद और सत्तू से तैयार आइसक्रीम प्रदान कर रहे हैं। तरबूज और ककड़ी जैसे मौसमी फल हिरण, दरियाई घोड़े और चीतल को दिए जा रहे हैं।'
जानवरों के लिए अलग-अलग इंतजाम
जगदीश ने आगे बातचीत में अलग-अलग जानवरों के हिसाब से आहार में बदलाव की भी बात की। उन्होंने कहा कि तेंदुए, हिरण, भालू, लोमड़ी और बबून को चिलचिलाती गर्मी से बचाने के लिए उनके पिंजरों के बाहर पानी के छिड़काव किए गए, जबकि बाघ और शेर के पिंजरों में कूलर लगाए गए हैं। नाहरगढ़ जैविक उद्यान क बारे में आपको बता दें कि ये, नाहरगढ़ अभयारण्य का एक हिस्सा है। जोकि करीब 720 हेक्टेयर के बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। ये राजस्थान की राजधानी जयपुर में अरावली पर्वतमाला के नीचे स्थित है। नाहरगढ़ में एशियाई शेर, बंगाल बाघ, तेंदुआ, लकड़बग्घा, भेड़िये, हिरण, मगरमच्छ, स्लॉथ भालू, हिमालयी काला भालू, जंगली सूअर, जैसे जानवर आकर्षण का केंद्र हैं।