लुटेरी दुल्हनों की साजिश का खुलासा, पुलिस ने तीन को धर दबोचा, शादी के नाम पर करती थी लाखों की ठगी
राजस्थान के बूंदी जिले में एक बड़ा धोखाधड़ी मामला सामने आया है, जहां शादी के नाम पर एक गिरोह ने कई भोले-भाले लोगों से लाखों रुपये ऐंठे। पुलिस ने तीन युवतियों को गिरफ्तार किया है, जो लुटेरी दुल्हनों के गिरोह का हिस्सा थीं। इन युवतियों ने शादी का नाटक कर लोगों को धोखे में रखा और फिर फरार हो गईं।
राजस्थान के बूंदी जिले में हाल ही में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया, जिसमें एक गिरोह ने शादी के नाम पर धोखाधड़ी की। इस गिरोह में शामिल तीन युवतियों ने दुल्हन बनकर शादी का नाटक किया और लाखों रुपये की ठगी की। करवर थाना पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह शादी कराने का नाटक कर भोले-भाले लोगों से पैसे ऐंठता था और फिर दुल्हन फरार हो जाती थी।
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ऐसे हुआ मामले का खुलासा
बूंदी के आतंरदा गांव के निवासी सत्येन्द्र सिंह ने 16 अक्टूबर को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी शादी के नाम पर उनसे धोखाधड़ी की गई है। सत्येन्द्र के मुताबिक, 2 अक्टूबर को वह अपनी बहन के बुलावे पर जयपुर पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात गणेश, धर्मेन्द्र सैनी और एक युवती निशा से हुई। इन तीनों ने सत्येन्द्र की शादी कराने के लिए पूजा नाम की लड़की से बात चलाई और बदले में 2 लाख रुपये की मांग की। सत्येन्द्र ने पैसे दिए और शादी की रस्में पूरी की गईं।
शादी के बाद सत्येन्द्र अपनी नई दुल्हन पूजा को लेकर अपने गांव आंतरदा पहुंचे। कुछ दिनों बाद 16 अक्टूबर की रात करीब 10 बजे, दो अन्य महिलाएं - हैप्पी उर्फ खुशी और गुरविन्दर कौर - उनके घर पहुंचीं और पूजा को अपने साथ ले जाने की कोशिश करने लगीं। जब ग्रामीणों ने पूजा को ले जाने से रोका, तो उन दोनों महिलाओं ने मारपीट शुरू कर दी। यह घटना सत्येन्द्र को हैरान कर गई और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
सत्येन्द्र की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की और जल्दी ही मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस ने गिरोह की तीन सदस्यों - गुरविन्दर कौर (31), पूजा उर्फ मन्जिन्दर कौर (21), और हैप्पी उर्फ खुशी (40) - को गिरफ्तार कर लिया। करवर थानाधिकारी देवकरण जाट ने बताया कि इन महिलाओं ने पहले भी इसी तरह की कई घटनाओं को अंजाम दिया है। वे शादी के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठती थीं और फिर मौका मिलते ही दुल्हन को फरार करवा देती थीं।
शादी के नाम पर चल रहा था धोखाधड़ी का धंधा
पुलिस की जांच में पता चला कि यह गिरोह शादी का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को फंसाता था। शादी के लिए पैसे लेने के बाद, ये महिलाएं कुछ दिन तक दुल्हन बनकर रहती थीं और फिर मौका पाकर फरार हो जाती थीं। सत्येन्द्र की शादी भी इसी तरह से हुई थी, जहां पूजा नाम की लड़की को मन्जिन्दर कौर के रूप में पेश किया गया और शादी के बाद उसे फरार कराने की कोशिश की गई।