Churu News: खून से लिखी आरक्षण की मांग, सफाई भर्ती पर उठे सवाल, सिर्फ वाल्मीकी ही करेंगे सफाई? जानें पूरा मामला
पंवार का तर्क है कि सफाई का काम परंपरागत रूप से वाल्मीकि समाज करता आया है, और इसलिए इस क्षेत्र में उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
चूरू में एक अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला, जहां पूर्व मनोनीत पार्षद अशोक पंवार ने अपने खून से लिखे मांगपत्र के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से 2024 की सफाई कर्मचारी भर्ती में वाल्मीकि समाज को शत-प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की। ये कदम न सिर्फ आरक्षण की मांग को रेखांकित करता है, बल्कि सामाजिक न्याय और परंपरागत पेशों से जुड़े सवालों को भी उठाता है।
इसे भी पढ़िये – Churu News: टूटी हड्डियां, बिखरे सपने, टोल नाके की दर्दनाक दास्तान, मौत का तांडव, चीखती-चिल्लाती जिंदगियां, पढ़ें
चूरू में उठी आरक्षण की मांग
पंवार का तर्क है कि सफाई का काम परंपरागत रूप से वाल्मीकि समाज करता आया है, और इसलिए इस क्षेत्र में उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने कोरोना काल का उदाहरण देते हुए कहा कि संकट के समय भी सफाई कर्मचारियों ने अपना काम जारी रखा, जिससे उनके योगदान का महत्व स्पष्ट होता है। हालांकि, आरक्षण का मुद्दा हमेशा से विवादास्पद रहा है, और इस मामले में भी विभिन्न पक्षों के अलग-अलग मत होंगे।
क्या सरकार सुनेगी वाल्मीकि समाज की पुकार?
एक तरफ जहां पंवार और उनके समर्थक इसे सामाजिक न्याय का मामला बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ये सवाल भी उठता है कि क्या आरक्षण ही समाधान है? क्या इससे योग्यता की अनदेखी नहीं होगी? और क्या इससे अन्य समुदायों में असंतोष नहीं बढ़ेगा? इस घटना ने एक बार फिर सामाजिक न्याय, आरक्षण और परंपरागत पेशों से जुड़े गहरे सवालों को हवा दी है। इन सवालों का जवाब ढूंढना आवश्यक है ताकि एक समावेशी और न्यायसंगत समाज का निर्माण हो सके।
रिपोर्ट – कौशल शर्मा