देश का पहला रेलवे ट्रैक जहां लागू होगा कवच 4.0...स्पीड ज्यादा होने पर ऑटोमैटिक लगेंगे ब्रेक, पढ़िए पूरी खबर
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सवाई माधोपुर से कोटा रेलवे स्टेशन के बीच स्वदेशी रेल सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 के मॉडल का बारीकी से अवलोकन किया। रेलवे को सुरक्षित बनाने के लिए रेल मंत्रालय लगातार रेलवे को नई तकनीकों से लैस कर रहा है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज सवाई माधोपुर में स्वचालित रेल सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 का उद्घाटन किया और व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सवाई माधोपुर से कोटा रेलवे स्टेशन के बीच स्वदेशी रेल सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 के मॉडल का बारीकी से अवलोकन किया। रेलवे को सुरक्षित बनाने के लिए रेल मंत्रालय लगातार रेलवे को नई तकनीकों से लैस कर रहा है। इसी कड़ी में रेलवे की ओर से दिल्ली मुंबई रेल लाइन को रेलवे के लिए सुरक्षित बनाने के लिए स्वचालित रेल सुरक्षा प्रणाली से लैस किया जा रहा है। इस रेलवे सुरक्षा प्रणाली को रेलवे ने कवच 4.0 नाम दिया है। कवच 4.0 रेलवे सुरक्षा प्रणाली के तहत सवाई माधोपुर से कोटा के बीच रेलवे ट्रैक को कवच से लैस किया गया है। जिसका आज केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रायल किया। कवच 4.0 सुरक्षा प्रणाली का रेलवे अधिकारियों के साथ सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक चलाकर ट्रायल भी किया गया।
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कवच 4.0 रेलवे सुरक्षा प्रणाली एक स्वचालित रेल सुरक्षा प्रणाली है। रेल मंत्री ने सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक रेल इंजन में सफर कर इसका निरीक्षण किया। कवच 4.0 रेलवे सेफ्टी सिस्टम पूरी तरह से अत्याधुनिक सेफ्टी सिस्टम है। जो रेल हादसों को रोकने में अहम साबित होगा। इससे ट्रेनें रेलवे ट्रैक पर सुरक्षित चल सकेंगी। देश में पहली बार सवाई माधोपुर से कोटा के बीच 108 किलोमीटर में यह सिस्टम लगाया गया है। दो महीने में इसका काम भी पूरा होकर शुरू हो गया है। यह देश का पहला रेलवे ट्रैक है। जहां इसे लागू किया गया है। कवच 4.0 रेलवे सेफ्टी सिस्टम के लिए रेलवे ने सवाई माधोपुर से कोटा के बीच 130 टावर लगाए हैं। इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है। इस ट्रैक पर 78 कवच भवन बनाए गए हैं। साथ ही 178 सिग्नलिंग इंटरफेस और एक एसपीएलएस नेटवर्क का निर्माण किया गया।
स्पीड ज्यादा होने पर ऑटोमैटिक ब्रेक
रेलवे ने कवच 4.0 के तहत ऑटोमेटेड सिस्टम विकसित किया है ट्रेन की गति 5 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर ऑटोमेटिक ब्रेक लगाए जाएंगे। ट्रेन की गति निर्धारित गति से 9 किलोमीटर प्रति घंटा अधिक होने पर इमरजेंसी ब्रेक लगाए जाएंगे। आर्मर सिस्टम पर इंटरलॉकिंग लगाई गई है। जिससे अगला सिग्नल पढ़ने के बाद उसका पहलू रेडियो तरंगों के माध्यम से सीधे इंजन को डिस्प्ले होगा। इससे पायलट को 160 किलोमीटर की स्पीड पर सिग्नल पढ़ने में सुविधा होगी। उसे लाइन पर लगे सिग्नल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अगर लोको पायलट ट्रेन संचालन में कोई गलती या त्रुटि करता है तो आपातकालीन स्थिति में सिस्टम तुरंत अलर्ट होकर ब्रेक लगाएगा।
बरवाड़ा रेलवे स्टेशन को सौगात
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णवी नम ने भी इस मौके पर मीडिया से बातचीत में कहा कि पहले चरण में यह सिस्टम सवाई माधोपुर से कोटा के बीच लगाया गया है, जिसके बाद दूसरे चरण में इस सिस्टम को दिल्ली से मुंबई तक बढ़ाया जा सकता है। केंद्रीय रेल मंत्री ने सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर कई भाजपा नेताओं से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा रेलवे स्टेशन को सौगात देते हुए 22 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्यों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चौथ का बरवाड़ा रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म आदि का निर्माण कराया जाएगा, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।