Dholpur News: जेल में बंद 74 कैदियों ने माता रानी को साक्षी मानकर किया अपने अपराध का पश्चाताप, रखा 9 दिन का उपवास
जेल अधीक्षक सुमन मीना ने बताया कि नव दुर्गा शुरू होते ही जिला जेल में बंदियों ने व्रत रखने की इच्छा जताई है। उन्होंने बताया कि जेल में इस समय 400 बंदी हैं। इनमें 11 महिला बंदी भी शामिल हैं।
राजस्थान के सजिले में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर पूरे देश में माहौल भक्तिमय हो गया है। हर तरफ माता रानी के जयकारे सुनाई दे रहे हैं। धौलपुर जिला मुख्यालय की जिला जेल भी माता रानी की भक्ति से अछूती नहीं है। जिला जेल में बंद 74 कैदियों ने माता दुर्गा को साक्षी मानकर व्रत रखने और अपने अपराधों को त्यागने का फैसला किया है। 74 अपराधी जेल से रिहा होकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होंगे।
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जेल में 74 बंदियों ने रखा नवरात्र पर 9 दिन का व्रत
जेल अधीक्षक सुमन मीना ने बताया कि नव दुर्गा शुरू होते ही जिला जेल में बंदियों ने व्रत रखने की इच्छा जताई है। उन्होंने बताया कि जेल में इस समय 400 बंदी हैं। इनमें 11 महिला बंदी भी शामिल हैं। इनमें से 74 बंदियों ने 9 दिन का व्रत रखा है, जिसमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। इन सभी बंदियों को व्रत के अनुसार खाने-पीने की चीजें दी जा रही हैं। इनके लिए दूध, जूस और फलों की व्यवस्था की गई है। दिन में तीन बार चाय भी दी जा रही है। जेल परिसर में ही माता रानी की मूर्ति स्थापित की गई है। बंदी भजन गाकर माता की आरती करते हैं। जेल का माहौल भी आस्था के रंग में रंग गया है।
अपराध की दुनिया से दूर रहने का संकल्प
उन्होंने बताया कि 74 कैदियों ने उपवास रखकर अपने अपराध का पश्चाताप करने का निर्णय लिया है। जिला कारागार से रिहा होने के बाद ये कैदी समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का काम करेंगे। अपने परिवार के साथ रहकर बेहतर जीवन जीने का प्रयास करेंगे। कैदियों के लिए पूजन सामग्री की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। समय-समय पर डॉक्टरों की टीम द्वारा स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है। खूंखार डकैत केशव और धर्मेंद्र उर्फ लुक्का ने बताया कि उन्होंने मां दुर्गा का 9 दिन का उपवास रखा है। जाने-अनजाने में कुछ गलतियां हो गईं। लेकिन अब आदि शक्ति मातारानी को साक्षी मानकर 9 दिन का उपवास रखा है और अपराध की दुनिया से दूर रहने का संकल्प लिया है।
बंदियों ने अपराध से दूर रहने की ली प्रतिज्ञा
माता रानी का व्रत रखकर मैं अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहता हूं। भविष्य में भी अपराध की दुनिया से पूरी तरह दूर रहूंगा और अपने परिवार के साथ रहूंगा। कैदी गंगाधर ने कहा कि अपराध का क्षेत्र बहुत बुरा है। यह रसातल की ओर ले जाता है। नवरात्रि में व्रत रखकर मैंने अपराध को पूरी तरह छोड़ने का संकल्प लिया है। हत्या के आरोपी कैदी पंकज कुमार ने कहा कि जेल में बंद रहने के दौरान उसने आत्ममंथन किया है। अपराध को समाज ने गलत नजर से देखा है। इसलिए नवरात्रि में व्रत रखकर मैंने अपराध को छोड़ने का संकल्प लिया है। कैदी चंद्रभान ने कहा कि जेल से छूटने के बाद मैं अपने परिवार और बच्चों के साथ बेहतर जिंदगी जीने की कोशिश करूंगा। अपराध की तरफ मुड़कर भी नहीं देखना चाहूंगा।
रिपोर्ट – राहुल शर्मा