Dungarpur : 'भारत रफ्तार' की खबर का वार, प्रशासन की उड़ी नींद! 24 घंटे में बदली तस्वीर, कालिख से पोते गए नेताओं के चेहरे
कलाल घाटा पर बने यात्री विश्राम स्थल पर विधायक गणेश घोघरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े-बड़े फोटो लगे थे। साथ ही, पूर्व कांग्रेस सरकार की मुफ्त योजनाओं का भी जमकर प्रचार किया जा रहा था।
डूंगरपुर में चौरासी विधानसभा उपचुनाव के दौरान लगी आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने की खबर 'भारत रफ्तार' ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर का असर यह हुआ कि प्रशासन हरकत में आया और तत्काल कार्रवाई की गई।
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क्या था पूरा मामला
मामला कलाल घाटा बस स्टैंड का है, जहां एक यात्री विश्राम स्थल पर कांग्रेस सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की योजनाओं का जमकर प्रचार किया जा रहा है। पिछले साल विधायक निधि से स्वीकृत से बने इस विश्राम स्थल पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के पोस्टर लगे हुए हैं, जबकि प्रदेश में सरकार बदले हुए 10 महीने से भी ज्यादा समय बीत चुका है। हैरानी की बात यह है कि इन पोस्टरों पर कांग्रेस सरकार की योजनाओं का बखान करते हुए विज्ञापन भी छापे गए हैं।
'भारत रफ्तार' खबर का असर, प्रशासन हरकत में
कलाल घाटा पर बने यात्री विश्राम स्थल पर विधायक गणेश घोघरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े-बड़े फोटो लगे थे। साथ ही, पूर्व कांग्रेस सरकार की मुफ्त योजनाओं का भी जमकर प्रचार किया जा रहा था। ये सब आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था, जिसे 'भारत रफ्तार' ने अपनी खबर में उजागर किया था।
कालिख से पोते गए नेताओं के चेहरे
खबर प्रकाशित होने के 24 घंटे के अंदर ही जिला प्रशासन ने कलाल घाटा यात्री विश्राम स्थल पर कार्रवाई की। घोघरा और गहलोत के फोटों पर कालिख पोत दी गई और कांग्रेस सरकार की योजनाओं के प्रचार वाले पोस्टरों को भी रंग से ढंक दिया गया। ग्राम पंचायत चकमहुदी ने जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर यह कार्रवाई की।
ये घटना 'भारत रफ्तार' की खबर का असर और प्रशासन की जवाबदेही को दर्शाती है। इससे ये भी साबित होता है कि स्वतंत्र पत्रकारिता लोकतंत्र के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट - सादिक़ अली