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Dungarpur News: पूर्व सरकार की छाप, मौजूदा चुनाव पर सवालिया निशान, 'आराम' से हो रहा आचार संहिता का 'उल्लंघन'!

चुनाव आयोग जहां एक ओर आदर्श आचार संहिता के पालन के लिए कड़े निर्देश दे रहा है, वहीं दूसरी ओर कलालघाटा बस स्टैंड पर लगे ये पोस्टर प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं

Dungarpur News: पूर्व सरकार की छाप, मौजूदा चुनाव पर सवालिया निशान, 'आराम' से हो रहा आचार संहिता का 'उल्लंघन'!

डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में आचार संहिता तो लागू है, लेकिन इसका खुलेआम उल्लंघन भी हो रहा है। ताजा मामला कलाल घाटा बस स्टैंड का है, जहां एक यात्री विश्राम स्थल पर कांग्रेस सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की योजनाओं का जमकर प्रचार किया जा रहा है।

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कांग्रेस सरकार के विज्ञापन पोस्टर

पिछले साल विधायक निधि से स्वीकृत से बने इस विश्राम स्थल पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधायक गणेश घोघरा के पोस्टर लगे हुए हैं, जबकि प्रदेश में सरकार बदले हुए 10 महीने से भी ज्यादा समय बीत चुका है। हैरानी की बात यह है कि इन पोस्टरों पर कांग्रेस सरकार की योजनाओं का बखान करते हुए विज्ञापन भी छापे गए हैं।

आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन

चुनाव आयोग जहां एक ओर आदर्श आचार संहिता के पालन के लिए कड़े निर्देश दे रहा है, वहीं दूसरी ओर कलालघाटा बस स्टैंड पर लगे ये पोस्टर प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस मामले में संज्ञान ले और आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

पहले भी कांग्रेस उड़ा चुकी है आचार संहिता की धज्जियां

ये पहली बार नहीं है जब डूंगरपुर में आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई गई हैं। कुछ दिन पहले गुरुवार को शहर के बादल महल में नगर परिषद द्वारा लगाई गई एक प्रदर्शनी में अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री दर्शाया गया था। मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन ने हरकत में आकर पोस्टर तो बदलवा दिए, लेकिन कलाल घाट बस स्टैंड पर लगे पोस्टर अब तक जस के तस हैं।

प्रशासन इस मामले में क्या कार्यवाही करेगा

प्रशासन की ये उदासीनता कई सवाल खड़े करती है। एक तरफ तो निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता के पालन के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी तरफ खुलेआम इसका उल्लंघन हो रहा है। चुनाव नजदीक है और ऐसे में ये लापरवाही चुनाव को प्रभावित कर सकती है। अब देखना ये होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्यवाही करता है।

रिपोर्ट - सादिक़ अली