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Barmer: पैतृक गांव के लिए रवाना शहीद नखत सिंह भाटी का पार्थिव शरीर, पढ़ें पूरी खबर

Barmer News: अरुणाचल प्रदेश में ऑपरेशन अलर्ट के दौरान शहीद हुए हवलदार नकत सिंह भाटी की अंतिम यात्रा में बाड़मेर के हरसाणी गांव में लोगों ने भारत माता की जयकारों के साथ विदाई दी। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी शोक व्यक्त किया।

Barmer: पैतृक गांव के लिए रवाना शहीद नखत सिंह भाटी का पार्थिव शरीर, पढ़ें पूरी खबर

बाड़मेर। अरुणाचल प्रदेश में सेना द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन अलर्ट में शहादत प्राप्त करने वाले हवलदार नखत सिंह भाटी का पार्थिव शरीर बाड़मेर स्थित जीप लिट्री स्टेशन से उनके गांव हरसाणी के लिए रवाना हो गया है। रास्ते भर राजस्थान के सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का तांता लग रहा। सभी भारत माता की जय के साथ गाड़ी पर फूल बरसाते नजर आएं।

हेलिकॉप्टर से लाया गया पार्थिव शरीर

बता दें, तकरीबन सुबह 3 बजे सैन्य अधिकारी शहीद नखत सिंह भाटी का पार्थिव शरीर उतरलाई एयरबेस पर हेलीकॉप्टर से लेकर पहुंचे। जहां से सैना की अन्य टीम हरसाणी के रवाना हुई। गौरतलब है, बीते 27 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश में ऑपरेशन अलर्ट के दौरान सेना के 3 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। जिनमें बाड़मेड़ स्थित हरसाणी गांव के रहने वाले हवलदार नखत सिंह भाटी भी शामिल थे। जैसे ही उनकी शहादत की खबर परिजनों और गांव वालों को मिली। गांवभर में शोक की लहर दौड़ गई और बाजार-दुकानें बंद हो गईं। 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताया शोक

वहीं बाड़मेर के सपूत की शहादत पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि- 'प्रदेश के बाड़मेर जिले के ग्राम हरसाणी निवासी भारतीय सेना की 19 ग्रेनेडियर्स के वीर सपूत हवलदार नखत सिंह भाटी जी के अरूणाचल में वीरगति को प्राप्त होने का समाचार अत्यन्त दुःखद है।ईश्वर दिवंगत वीरात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह दुःख सहन करने का सामर्थ्य प्रदान करें।ॐ शांति !'

अधूरा रह गया भाई की शादी का सपना

बीते अप्रैल में छुट्टी पर घर आए हवलदार नखत सिंह भाटी छोटे भाई की जल्द से जल्द शादी कराना चाहते थे। उन्होंने परिवारवालों से कहा था कि छोटे भाई की शादी में वह कोई कमी नहीं रखेंगे। उन्होंने इस दौरान नये घर की नींव रखवाई थी और कहा कि अगली आने पर पूरा घर बनकर तैयार हो चुका होगा हालांकि उनके सपने अधूरे रहे गये। शहादत से एक दिन पहले उन्होंने परिवार के साथ फोन पर बातचीत की थी लेकिन मंगलवार का दिन परिवार के लिए काल बनकर आया। कई बार भाटी से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन फोन नहीं लगा। जिसकी कुछ ही देर बाद परिवार को बेटे के शहीद होने का समाचार प्राप्त हुआ।

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