बाड़मेर में फाइटर जेट मिग-29 क्रैश हुआ, जाने कैसे लगी विमान में आग, नहीं हुई कोई जनहानी
राजस्थान के बाड़मेर जिले में वार सोमवार की रात भारतीय वायुसेना का एक मिग-29 लड़ाकू विमान तकनीकी गड़बड़ी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा, और इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
राजस्थान के बाड़मेर जिले में सोमवार रात को भारतीय वायुसेना का एक मिग-29 लड़ाकू विमान तकनीकी गड़बड़ी के कारण क्रैश हो गया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, विमान में तकनीकी समस्या होने के कारण इसका नियंत्रण खो गया और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
बता दें कि यह हादसा कवास गांव में रिहायशी इलाके से करीब 3 KM दूरी पर हुआ, जिस कारण कोई हताहत नहीं हुआ। जहां पर यह हादसा हुआ उस घटनास्थल के नजदीक राजस्थान की सबसे बड़ी ऑयल फील्ड मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल (MPT) भी है, लेकिन क्रैश का असर वहां तक नहीं पहुंचा। इस क्रैश होने से पहले ही प्लेन में सवार दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए थे।
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भारतीय वायुसेना ने किया पोस्ट
इस हादसे की जानकारी देते हुए भारतीय वायुसेना ने अपने आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट से बताया कि, 'मिग 29 ने उतरलाई एयरबेस से सोमवार रात को नियमित परीक्षण के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन बड़ी तकनीकी समस्या के कारण पायलट्स को प्लेन से इंजेक्ट करना पड़ा। यह घटना बीते सोमवार देर रात करीब 10 बजे की है।
दुर्घटना स्थल को किया सीज
इस हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस के साथ एयरफोर्स की टीम ने भी मौके पर पहुंच कर पायलट्स का रेस्क्यू किया और दुर्घटना स्थल के पास की करीब 400 मीटर के इलाके को सीज कर हादसे की जांच शुरू कर दी है।
विमान के दोनों पायलटों की जान बची
इस दुर्घटना से बचने के लिए एक पायलट ने घटनास्थल से 4 किलोमीटर दूर इंजेक्ट किया था और दूसरे पायलट ने कुछ दूरी पर ही इंजेक्ट किया था। इस हादसे को देख कर जब ग्रामीण पायलट के पास पहुंचे तो पायलट ने उन लोगों को बताया कि हमने आपके गांव को बचा लिया है और मेरा एक साथी प्लेन के आसपास ही कही गिरा है। उसको मदद की जरूरत है, आप लोग जल्दी उसकी तलाश करो और एयरफोर्स को हमारे बारे में बता दो।
क्यों नहीं बुझी विमान की आग
वायुसेना का यह फाइटर जेट बांदरा ग्राम पंचायत के रेवन्यू विलेज के पास रेतीले धोरों में स्थित खेतों में क्रैश हुआ था। इस घटना की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड पहुंच गई, लेकिन रास्ता नहीं होने के कारण घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर रेत में फंस गई। ऐसे में दुर्घटनाग्रस्त प्लेन के मलबे में लगी आग को बुझाया नहीं जा सका और देर रात तक आग धधकती रही।