Jaipur News: दशहरा मैदान में पांच दिवसीय हिंदू आध्यात्मिक सेवा मेले का आयोजन, हिंदू और सनातन ही धर्म का एकलौता रास्ता
राजीव शर्मा ने भारतीय दर्शन एवं राष्ट्रीय एकता पर अपने विचार व्यक्त किए, जबकि कैप्टन मीरा सिद्धार्थ दवे ने कर्तव्य परायणता एवं भारतीयता विषय पर बोलते हुए उपस्थित लोगों को भारतीय परम्पराओं एवं संस्कृति से अवगत कराया।
जयपुर। एचएसएसएफ (हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन) के तत्वावधान में आदर्श नगर स्थित दशहरा मैदान में पांच दिवसीय हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले के दूसरे दिन हिंदू कॉन्क्लेव में चार विषयों पर चर्चा की गई- भारतीय दर्शन एवं राष्ट्रीय एकता, कर्तव्य-चेतना एवं भारतीयता, हिंदू धर्म एक व्यापक परिप्रेक्ष्य है तथा हिंदू धर्म एवं सनातन ही धर्म का एकलौता रास्ता है।
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राजीव शर्मा ने भारतीय दर्शन एवं राष्ट्रीय एकता पर अपने विचार व्यक्त किए, जबकि कैप्टन मीरा सिद्धार्थ दवे ने कर्तव्य परायणता एवं भारतीयता विषय पर बोलते हुए उपस्थित लोगों को भारतीय परम्पराओं एवं संस्कृति से अवगत कराया।
आने वाले समय में भारत विश्वगुरु बनेगा
दुनिया के कई देशों की यात्रा कर चुके प्रख्यात डाटा वैज्ञानिक एस नरेंद्रन ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे भारतीय होना सीख लें तो आने वाले समय में भारत विश्वगुरु बनेगा। इसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का महत्व समझाते हुए कहा कि 11 साल बाद दुनिया के 67 फीसदी एआई इंजीनियर भारतीय होंगे। 2035 में दुनिया की कुल जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 11 ट्रिलियन डॉलर होगी। डाटा वैज्ञानिक नरेंद्रन ने एआई से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर भारतीय इतिहास की परतें खोलते हुए कहा कि 1100 साल पहले दुनिया की 55 फीसदी आबादी सनातनी थी और 62 फीसदी लोगों की मातृभाषा संस्कृत थी। उन्होंने कहा कि AI तकनीक से भारत वापस उस मुकाम पर पहुंच जाएगा। युवाओं को गीता का महत्व समझाते हुए नरेंद्रन ने कहा, गीता मानव शरीर की नियमावली है।
विधायक एवं वरिष्ठ पत्रकार गोपाल शर्मा ने हिंदुत्व-एक व्यापक परिप्रेक्ष्य विषय पर बोलते हुए भारतीय इतिहास के पन्ने खोले, देश-दुनिया में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का कारण बताया, मुस्लिम आक्रमणकारियों के पहले आक्रमण के बारे में भी जानकारी साझा की, गीता के श्लोक, वेदों की रचना और हिंदुत्व क्या है, इन सब से अवगत कराया।
मेले में बनाए गए छह गुंबद
एक ओर मेले में हिंदुत्व पर चर्चा हो रही थी, तो दूसरी ओर पंडालों में आने वालों की कतार लगी थी। मेले में लगे स्टॉल वाकई हिंदू आध्यात्म का मतलब समझा रहे थे। लोगों के समूह एक स्टॉल से दूसरे स्टॉल पर जाकर भारतीय परंपरा और संस्कृति के अनुरूप आध्यात्म क्या है और क्यों है, इसकी जानकारी लेते हुए आनंद लेते नजर आए। मेले में छह गुंबद हैं, जिनमें से प्रत्येक में भारतीय योग और दर्शन के साथ सुखी जीवन जीने के अनूठे प्रयोग देखने को मिले। हिंदू आध्यात्मिक और सामाजिक संगठनों के विशाल सेवा प्रकल्पों का ये अभिनव मेला लोगों को शिक्षा और संस्कार के साथ हिंदू जीवन में किए जाने वाले दैनिक कार्यों से भी अवगत करा रहा है। मेला स्थल पर बनाए गए अभिव्यक्ति पंडाल में विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी, शौर्य मंडपम में भारत को जानने की प्रदर्शनी, सेवा खंड में सेवा कार्यों की प्रदर्शनी, प्रेरणा प्रकल्प के तहत दादी नानी का घर, कथा कहानी प्रदर्शन और प्रयास गुंबद में भारतीय मूल्यों पर कला उत्सव आधारित लाइव पेंटिंग देख लोग आनंद ले रहे थे।
गंगा आरती का भी आयोजन
मेले में मां गंगा और गंगोत्री की प्रतिकृति देखने लायक थी। विश्व हिंदू परिषद की ओर से गंगा दीप दान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर विहिप के जुगल किशोर और साध्वी समदर्शी ने गंगा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।