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Jaipur News: शरद पूर्णिमा की रात खेला गया खूनी खेल, रजनी विहार कांड की पूरी सच्चाई, जानें कैसे रची गई साजिश!

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का एक जाल बुना गया। कुछ तथाकथित पत्रकारों और एजेंडाधारियों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। कहा गया कि मंदिर में देर रात तक डीजे बज रहा था।

Jaipur News: शरद पूर्णिमा की रात खेला गया खूनी खेल, रजनी विहार कांड की पूरी सच्चाई, जानें कैसे रची गई साजिश!

शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में डूबा जयपुर का रजनी विहार इलाका अचानक तनाव की आग में झुलस उठा। शिव मंदिर में चल रहे धार्मिक कार्यक्रम में खीर का भोग लगाया जा रहा था, भजन की मधुर ध्वनियां वातावरण को भक्तिमय बना रही थीं। अचानक एक शख्स नसीब चौधरी ने खीर के भगोने पर लात मार दी और धारदार हथियार से लोगों पर हमला कर दिया। उसकी इस हरकत से वहां मौजूद लोग भयभीत हो गए और भगदड़ मच गई। इस घटना में आठ लोग घायल हो गए।

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जाट बनाम आरएसए
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का एक जाल बुना गया। कुछ तथाकथित पत्रकारों और एजेंडाधारियों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। कहा गया कि मंदिर में देर रात तक डीजे बज रहा था, नसीब की पत्नी ने विरोध किया तो आरएसएस के लोगों ने उनके साथ बदसलूकी की और उनके घर पर हमला किया, उनकी कारों में तोड़फोड़ की और घर तक तोड़ दिया। इस झूठी कहानी को जाट बनाम आरएसएस का रंग देने की भी कोशिश की गई।

मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा
लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी। मंदिर में कोई डीजे नहीं बज रहा था, बल्कि भजन-कीर्तन हो रहा था। नसीब का पहले से ही मंदिर के प्रति विरोध का रवैया था। वे मंदिर में होने वाली आरती और घंटी बजने पर भी आपत्ति जताता था और श्रद्धालुओं से झगड़ता था। उसका मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा भी था।

घटना के बाद भारी तनाव
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने दिल्ली-अजमेर हाईवे को जाम कर दिया और करणी विहार थाने पर भारी प्रदर्शन किया। पुलिस ने नसीब, उसके बेटे भीष्म और पत्नी निर्मला को गिरफ्तार कर लिया है। जेडीए ने मंदिर की जमीन पर अवैध निर्माण को भी ध्वस्त कर दिया।

सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा झूठ
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने एजेंडाधारियों के झूठ का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि नसीब ने बिना किसी उकसावे के हमला किया था और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही बातें झूठ हैं। एडवोकेट वीरेंद्र चौधरी, मूलसिंह खंगारोत, प्रह्लाद चौधरी और हरेन्द्र चौधरी जैसे लोगों ने सच्चाई सामने रखी और कहा कि नसीब के कृत्य के लिए पूरा जाट समाज जिम्मेदार नहीं है। गलती करने वाले को सजा मिलनी चाहिए। स्थानीय पार्षद गणेश चौधरी ने भी एजेंडाधारियों की निंदा की और कहा कि वे समाज में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं।

इस घटना ने दिखाया कि कैसे कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए झूठ का सहारा लेकर समाज में विद्वेष फैलाने की कोशिश करते हैं। लेकिन सच सामने आने पर उनके मंसूबे नाकाम हो जाते हैं।