Rajasthan By Election: आमने-सामने सुखवंत सिंह VS आर्यन खान, यहां जानें रामगढ़ के 'रण' के सियासी समीकरण
राजस्थान के रामगढ़ सीट पर उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए हैं। बीजेपी ने सुखवंत सिंह को जबकि कांग्रेस ने दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन जुबेर खान को टिकट दिया है।
राजस्थान में बीजेपी के बाद कांग्रेस ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। सभी सात सीटों पर पार्टी ने सोच-विचार कर जिताऊ कैंडिटेड पर भरोसा जताया है। इसी क्रम में नामांकन का दौर भी चालू हो गया है। गुरुरवार को रामगढ़ सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुखवंत सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी जुबेर खान नामांकन दाखिल करने पहुंचे। इस मौके पर दोनों नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं क हुजूम मौजूद रहा। सुखवंत सिंह के नामांकन के दौरान जिले के सांसद और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, राजसरहं के प्रमुख नेता संजय शर्मा, विधायक महंत योगी बालक नाथ सहित अन्य भाजपा नेता मौजूद थे। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी आर्यन जुबेर खान के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और असम के प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली, पार्टी के जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा और विधायक ललित यादव भी उपस्थित रहे।
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केंद्रीय भूपेंद्र यादव ने किया जीत का दावा
बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन के बाद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने जीत का दावा करते हुए कहा कि इस बार राजस्थान की सभी सात सीटों पर कमल खिलेगा। रामगढ़ की जनता से मिलने खुद सीएम भजनलाल शर्मा आने वाले हैं। वह जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस दौरान वह कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दिखे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में हुए जल जीवन मिशन में हुए घोटालों, अधूरी सड़कों और कानून व्यवस्था की खस्ताहालत को जनता अच्छे से समझती है। बीजेपी हमेशा विकास के मुद्दों के साथ जनता के बीच गई है जबकि कांग्रेस हवाहवाई बातें करने के अलावा और कुछ नहीं जानती हैं।
'रामगढ़ का विकास जुबेर खान की देन'
दूसरी तरफ जुबेर खान के साथ आए कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि आर्यन जुबेर खान का इस क्षेत्र से एक पारिवारिक संबंध है और रामगढ़ के लोग उन्हें अपना परिवार मानते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जो भी विकास हुआ है, वह जुबेर खान के परिवार की देन है। बीजेपी केवल धर्म की राजनीति करती है। असलियित से उसका कोई लेना देना नहीं है। जनता कांग्रेस के पक्ष में खड़ी तो बीजेपी को नामांकन के लिए बड़े नेताओं को बुलाना पड़ हा है। इस दौरान जितेंद्र सिंह ने तंज कसते हुए भजनलाल सरकार से 10 महीने के कार्यकाल का लेखा-जोखा मांगा।
रामगढ़ का सियासी समीकरण
रामगढ़ में सियासी समीकरण पर नजर डालें तो यहां पर हिंदू और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या बराबर मानी जाती है। जहां तक बात बीजेपी प्रत्याशी सुखवंत सिंह की करें तो उन्हें जमीनी स्तर का नेता माना जाता है जो कार्यकर्ताओं के साथ जनता पर भी अच्छी पकड़ रखते हैं। वह बीजेपी के लिए पिछले कई सालों से कम कर रहे हैं हालांकि 2023 में उन्होंने टिकट न मिलने पर बगावती तेवर अपना लिए थे और निर्दलीय चुनाव लड़ा था,नतीजन बीजेपी उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा। वह वोट के मामले में दूसरे नंबर पर थे,जबकि जीत कांग्रेस से जुबेर खान ने जीत हासिल की थी हालांकि बीमारी के चलते उनका देहांत हो गया। ऐसे में कांग्रेस सहानुभूति कार्ड के आधार पर जीतने की कवायद कर रही है और उसने दिवंगत विधायक के बेटे आर्यन खान को मैदान में उतारा है। तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी हिंदू कार्ड खेल रही है। रामगढ़ की सीट दोनों कद्दावर नेताओं के लिए चुनौती बन गई है। बहरहाल, जब से कांग्रेस-बीजेपी ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं तबसे चुनावी दंगल और भी ज्यादा दिलचस्प हो गया। खैर दोनो होगा इस चुनावी संग्राम में कौन किसे पटकनी देता है।