गैंगस्टर लॉरेंस ने पुलिस पर लगाए फर्जी केस में फंसाने के आरोप, 11 साल से हिरासत में रहते हुए कैसे दे सकता हूं धमकी
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने जोधपुर कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए गए बयान में खुद पर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए पुलिस पर झूठा फंसाने का आरोप लगाया। 2017 के रंगदारी मामले में लॉरेंस ने कहा कि वह उस समय हिरासत में था, ऐसे में धमकी देना असंभव है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई आगे के लिए स्थगित कर दी है।
जोधपुर के महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 7 की अदालत में शनिवार को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। लॉरेंस बिश्नोई ने अपने सारे बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज कराए हैं, बिश्नोई ने साबरमती जेल से जुड़े सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। ट्रेवल्स व्यवसायी मनीष जैन से रंगदारी वसूली के मामले में दर्ज बयान में लॉरेंस ने पुलिस पर झूठे आरोप लगाकर फंसाने का आरोप लगाया है।
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क्या है पूरा मामला?
जोधपुर के शास्त्री नगर थाने में 17 मार्च 2017 को मनीष जैन ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी दुकान पर दो अज्ञात लोगों ने फायरिंग करने कोशिश की थी। लेकिन रिवॉल्वर में गोली फंस होने के कारण फायरिंग नहीं हो पाई थी। इसके बाद में मनीष को अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आया था, जिस पर धमकी दी और लॉरेंस बिश्नोई के नाम से रंगदारी मांगी थी। मनीष ने इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को सौंपा था। पुलिस ने जांच करने के बाद लॉरेंस बिश्नोई और उसके भाई अनमोल बिश्नोई को इस मामले का दोषी पाया था और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी।
लॉरेंस बिश्नोई ने क्या कहा था
ल़ॉरेंस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि वह घटना के वक्त जोधपुर में मौजूद ही नहीं था। इसके अलावा उसने यह भी दावा किया कि वह पिछले 11 वर्षों से हिरासत में है और ऐसे में उसके पास मोबाइल फोन होना असंभव है। लॉरेंस के वकील संजय बिश्नोई ने अदालत को बताया कि पुलिस ने उनके मुवक्किल और उनके भाई अनमोल को झूठे आरोप में फंसाया है।